नई दिल्लीः बच्चों के 10वीं के रिजल्ट को बेहतर करने की कोशिश के तहत आईसीएसई ने अब 5वीं और 8वीं क्लास में भी बोर्ड परीक्षा कराने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि ऐसा कड़ा फैसला बच्चों को निचली क्लास में ही बेहतर तैयारी कराने के उद्देश्य से किया गया है। ऐसा आईसीएसई बोर्ड ने अपना रिजल्ट बेहतर करने के लिए किया है। साथ ही संस्कृत और योग को अनिवार्य विषयों में शामिल किया जाएगा। बता दें कि आईसीएसई काफी सख्त बोर्ड माना जाता है। दूसरी तरफ, सीबीएसई में दसवीं में अंकों की जगह ग्रेड दिए जाते हैं।
बोर्ड ही बनाएगा पेपर, दूसरे स्कूल में चेक होंगी कापियां
सीआईएससीई के सीईओ गैरी अराथून ने बोर्ड के इस नए एग्जाम पैटर्न की जानकारी दी है। अराथून के मुताबिक, 5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षा में एक स्कूल की आंसर शीट दूसरे स्कूल द्वारा चेक की जाएंगी। ठीक वैसे ही जैसे कि 10वीं बोर्ड में किया जाता है। यहां तक कि 5वीं और 8वीं परीक्षा के प्रश्न पत्र भी बोर्ड ही तैयार करेगा। सभी आईसीएसई-संबद्ध स्कूलों को नर्सरी से लेकर 10 तक एक जैसे पाठ्यक्रम का पालन करना होगा। अब तक, स्कूलों को नर्सरी से कक्षा 10 तक पाठ्यक्रम तय करने की आजादी दी गई थी। अराथून ने कहा कि नया यूनिफॉर्म सिलेबस साल 2018 से लागू किया जाएगा।
फेल-पास नहीं होगा, परफार्मिंग आर्ट भी होगी
अराथून ने कहा कि इसमें पास या फेल जैसे टैग का प्रावधान नहीं होगा। यह केवल एक आवधिक मूल्यांकन अभ्यास है, जिसे छात्रों के विकास के लिए अपनाया गया है। इसे साल 2018 से लागू किया जाना है। अराथून ने कहा कि बोर्ड 3 अनिवार्य विषयों संस्कृत, योग और परफॉर्मिंग आर्ट्स को भी इंट्रोड्यूस करने जा रहा है। योग और परफॉर्मिंग आर्ट्स 1 से 8 कक्षा के छात्रों के लिए अनिवार्य होगा। वहीं संस्कृत को कक्षा 5 से 8 के बच्चों को पढ़ाया जाएगा।