भोपाल। चुनाव आयोग ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए अपनी तैयारियों के बारे में बताया। इलेक्शन कमिश्नर ओपी रावत ने कहा कि हम देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की तैयारी सितंबर 2018 तक पूरी कर लेंगे। हालांकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं या नहीं इसके बारे में अंतिम फैसला सरकार ही लेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग से दोनों चुनाव एक साथ कराए जाने के बारे में पूछा था कि आयोग के पास इसके लिए क्या व्यवस्था है। इतना ही नहीं आयोग को इसके लिए किन चीजों की जरूरत पड़ेगी। आयोग की मांग पर केंद्र सरकार ने पिछले महीने 15,400 करोड़ रुपये आयोग को दिए हैं।
इलेक्शन कमिश्नर ओपी रावत ने कहा इस बार ईआरओ-नेट का शुभारंभ किया है। यह ऐसी व्यवस्था है जिससे देश के ईआरओ एक साथ जुड़ जाएंगे। इस सब के लिए आयोग के कर्मचारियों को इस नई तकनीक की ट्रेनिंग के साथ ही उसकी पूरी जानकारी दी जाएगी।
चुनावों के बारे में बताते हुए रावत ने बताया कि दोनों चुनाव एक साथ कराने के लिए 40-40 लाख ईवीएम और वीपीपीटी मशीनों की जरूरत है। ऐसे में चुनाव आयोग ने मशीनों के लिए दो कंपनियों को कॉन्ट्रेक्ट दे दिया है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीखों को लेकर उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों में चुनाव की तैयारियां पूरी होते ही चुनाव की घोषणा हो जाएगी।