देहरादून। उत्तराखंड में सरकार और संगठन के बीच नए जिलों के निर्माण को लेकर आपसी तकरार बढ़ गई है। जिलों के निर्माण की तरफ मुख्यमंत्री की दिलचस्पी को न देखते हुए प्रदेश संगठन में काफी नाराजगी है। संगठन के लोगों ने मुख्यमंत्री को उस घोषणा पत्र की याद दिलाई जिसमें बेहतर शासन के लिए छोटी इकाईयां बनाने पर जोर दिया गया था।
जनता का भरोसा उठ जाएगा
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि पार्टी हमेशा छोटी इकाई बनाने के पक्ष में रही है। उन्होंने इसके लिए पुराने घोषणा पत्रों का भी हवाला दिया। रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि अगर सरकार अपने वादों पर खरा नहीं उतरेगी तो जनता का उसपर से भरोसा उठ जाएगा। ऐसे में राज्य में नए जिलों के निर्माण के लिए सरकार को जल्दी ही कदम उठाना चाहिए।
सरकार और संगठन आमने-सामने
यहां आपको बता दें कि 19 दिसंबर को हुई घोषणा पत्र समिति की बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा था कि राज्य में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सरकार के पास समय कम है इस वजह से वह नए जिलों के निर्माण की घोषणा नहीं कर रही है। गौरतलब है कि राज्य सरकार की तरफ से मुसलमानों को नमाज की छुट्टी के ऐलान के बाद भी संगठन और सरकार के बीच तनाव बढ़ गया था।
इन जिलों की हो रही मांग
यहां आपको बता दें कि यमुनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत और डीडीहाट को जिला बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है।