नई दिल्ली। ग्लोबल वार्मिंग के असर को कम करने के लिए दुनिया भर में प्रयास किए जा रहे हैं। वैज्ञानिक इसमें अपने तरीके शोध कर उपाय बताने में लगे हैं। अब वैज्ञानिकों ने एक बहुत ही सस्ता उपाय बताया है। उनका कहना है कि अगर धरती पर 11 मील की ऊंचाई से नमक गिराया जाए तो धरती पर आने वाली पराबैंगनी किरणें नमक के कणों से टकराकर वापस लौट जाएंगी जिससे धरती का तापमान कम हो जाएगा। कुछ वैज्ञानिकों ने इस उपाय का स्वागत तो किया है लेकिन उनका कहना है कि अगर ऐसा होता है तो धरती एक समय के बाद पूरी तरह से ठंडी हो जाएगी और पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी।
यहां बता दें कि कुछ वैज्ञानिकों ने धरती पर आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों को रोकने के लिए आकाश में हीलियम गैस छोड़ने या फिर एक बड़ा शीशा लगाने की बात भी कह चुके हैं। टैक्सस के डॉ रॉबर्ट नेल्सन से यह विकल्प एक कॉफ्रेंस में सुझाया था। उनका कहना है कि ट्रोपोस्फीयर में नमक छिड़कने से वातारवण सफेद हो जाएगा इससे मौसम में कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। इससे पहले उन्होंने एल्यूमीनियम ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड का प्रयोग करने की सोची थी लेकिन इससे फेफड़ों में दिक्कत हो सकती है और अम्ल वर्षा यानी एसिड रेन होनी की संभावना रहती है।
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इस लेटेस्ट जियो इंजीनियरिंग प्लैन के कंसेप्ट की तुलना ज्वालामुखी के फूटने से कर सकते हैं। जैसे घरती के गर्म होने पर ज्वालामुखी फूटता है वैसे ही ये कंसेप्ट काम करेगा। वहीं कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि इस कृत्रिम तरीके से धरती को ठंडा तो ठीक है लेकिन इस प्रक्रिया का एकाएक रुकना धरती को नष्ट कर सकता है।