देहरादून।
उत्तराखंड की बेटियों ने भी हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है, चाहे वह प्रदेश में हो या यहां से बाहर। अब अंजू रावत नेगी को ही देखिए, ये मूल रूप से पौड़ी की रहने वाली हैं और फिलहाल गुरुग्राम में रहती हैं। अंजू पेशे से वकील हैं। अंजू आर्थिक रूप से कमजोर रेप पीड़ित महिलाआंे के मुकदमे मुफ्त में लड़ती हैं। बता दें कि अंजू हाल ही में गुरुग्राम के पालम विहार में हुए एक एसिड अटैक की पीड़ित महिला को न्याय दिलाने के बाद सुर्खियों में आई हैं।
मुफ्त केस लड़कर दिलाया न्याय
गौरतलब है कि अंजू ने जिस महिला को न्याय दिलवाया वह गुरुग्राम में घरों में काम कर अपना भरन पोषण करती है। शोषण का विरोध करने पर आरोपियों ने इस महिला और उसके बच्चे पर तेजाब फेंक दिया था। इस केस को अंजू रावत नेगी ने फरिश्ते ग्रुप के साथ मिलकर निःशुल्क लड़ा और अंजाम तक पहुंचाया। यहां बता दें कि गुरुग्राम सेशन कोर्ट के न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपियों को न सिर्फ सश्रम कारावास की सजा सुनाई बल्कि जेल में रहने के दौरान होने वाली आमदनी का 60 फीसदी हिस्सा भी पीड़िता को देने का आदेश दिया। इसके अलावा दोनों आरोपियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। आपको बता दें कि इस केस के दौरान अंजू को जान से मारने की धमकियां भी मिलीं। यहां तक की उनपर हमले भी हुए पर अंजू ने हार नहीं मानी। वह फरिश्ते ग्रुप के साथ मिलकर पीड़िता को न्याय दिलाया।
मूल रूप से पौड़ी गांव की निवासी हैं अंजू
पौड़ी गांव की रहने वाली अंजू अपने शुरुआती दिनों से ही एक अच्छी वक्ता रही हैं। उन्होंने पौड़ी के जीजीआईसी से अपनी प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद गढ़वाल विश्वविद्यालय के पौड़ी परिसर से एलएलबी और मेरठ विश्वविद्यालय से एलएलडी में अपराधिक और वैवाहिक मामलों में विशेषज्ञता हासिल की है। मौजूदा वक्त में अंजू गुरुग्राम के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हैं।
दर्जनों लोगों की कर रही हैं मदद
अंजू रावत नेगी इस समय रेप और महिला शोषण के 50 से अधिक मामलों में पीड़ित पक्ष को निशुल्क कानूनी सलाह दे रही हैं। उनके अनुसार जहां भी उन्हें इस तरह की घटनाओं का पता चलता है वे खुद संपर्क कर केस में पीड़ितों की मदद करती हैं। अब तक कई मामलों में वो पीड़िता को न्याय भी दिला चुकी हैं।