देहरादून। उत्तराखंड के डिग्री काॅलेजों और विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों और प्राचार्यों को सातवें वेतनमान का फायदा मिलेगा। लंबे इंतजार के बाद वित्त विभाग से प्राध्यापकों को सातवें वेतनमान का लाभ देने की मंजूरी मिल गई है। वित्त विभाग की मंजूरी के बाद अब इस पर 14 दिसंबर को कैबिनेट की मुहर लगनी है। कैबिनेट की मुहर लगते ही राज्य में उच्चशिक्षा के प्राध्यापकों को यह फायदा मिलने लगेगा। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में एक जनवरी 2016 में उच्च शिक्षा में तैनात प्राध्यापकों और प्राचार्यों को सातवें वेतनमान का लाभ मिलना है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद सबसे पहले नवंबर 2017 में केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कार्यरत प्राध्यापकों को इसका लाभ दिया गया। इसके बाद हरियाणा और उत्तरप्रदेश की सरकार ने अपने यहां काॅलेजों और विश्वविद्यालयांे के प्राध्यापकों को इसका लाभ दिया लेकिन उत्तराखंड में कार्यरत प्राध्यापकों और प्राचार्यों को सातवें वेतन आयोग को इसका फायदा नहीं मिला था। उच्चशिक्षा निदेशालय स्तर से फाइल शासन को भेजी गई थी। उच्चशिक्षा के प्राध्यापकों को सातवें वेतनमान का लाभ देने की फाइल वित्त विभाग ने पहले कुछ आपत्ति लगाते हुए लौटा दी थी।
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यहां बता दें कि काफी समय से लंबित पड़ी फाइल को सोमवार को मंजूरी मिल गई। वित्त विभाग की ओर से मंजूरी मिलने के बाद अब इसपर 14 दिसंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में मुहर लगाई जाएगी। कैबिनेट की मुहर लगते ही राज्य के काॅलेजों और विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों और प्राचार्यों को इसका फायदा मिलना शुरू हो जाएगा।
आपको बता दें कि कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगते ही उत्तराखंड 100 डिग्री कॉलेज और 10 विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों और प्राचार्यों को सातवें वेतनमान का लाभ मिलने लगेगा। गौर करने वाली बात है कि राज्य में करीब 3000 प्राध्यापकों और प्राचार्यों को यह फायदा मिलेगा।