देहरादून। उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य से बेरोजगारी दूर करने के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं। अकेले पिथौरागढ़ में ही हर साल करीब 10 बेरोजगार नौजवानों की बड़ी संख्या तैयार हो रही है लेकिन नौकरी को लेकर कोई संतोषजनक उपाय सामने नहीं आए हैं। हालांकि सरकार नौजवानों के लिए रोजगार मुहैया कराने के लिए कई कदम उठाए जाने की बात कही है। खबरों के अनुसार, पिथौरागढ़ के रोजगार निदेशालय में हजारों नौजवान अपना पंजीकरण कराते हैं लेकिन उस हिसाब से उन्हें नौकरी नहीं मिल पाती हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार के द्वारा राज्य से बेरोजगारी दूर करने से लेकर पलायन को रोकने के लिए कई उपायों के अपनाने का दावा किया जा रहा है लेकिन सीमांत जनपदों में 60 हजार से ज्यादा बेरोजगार नौजवानों की बड़ी फौज तैयार हो रही है। इसमें करीब 40 हजार पुरुष और 20 हजार महिला उम्मीदवार शामिल हैं।
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यहां बता दें कि पिथौरागढ़ जिले में एक साल में कंपनियों में नौकरी का यह औसत भी 198 के आसपास सीमित है। यही हाल प्रदेश के अन्य जनपदों का भी है। सेवायोजन कार्यालय को चलाने के लिए सरकार की ओर से करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं लेकिन यहां के बेरोजगार नौजवानों के रोजगार के लिए यह महकमा किसी काम का नहीं आ पा रहा है। पंजीकरण व नवीनीकरण तक सेवायोजन कार्यालय की भूमिका सीमित होकर रह गई है। सेवायोजन कार्यालय के द्वारा मिली गई जानकारी के अनुसार साल 2015 से अब तक करीब 750 लोगों को ही कंपनियों के द्वारा नौकरी दी गई है।