Saturday, April 27, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

रोजगार मुहैया कराने के दावे खोखले साबित, तैयार हो रही बेरोजगारों की फौज

अंग्वाल न्यूज डेस्क
रोजगार मुहैया कराने के दावे खोखले साबित, तैयार हो रही बेरोजगारों की फौज

देहरादून। उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य से बेरोजगारी दूर करने के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं। अकेले पिथौरागढ़ में ही हर साल करीब 10 बेरोजगार नौजवानों की बड़ी संख्या तैयार हो रही है लेकिन नौकरी को लेकर कोई संतोषजनक उपाय सामने नहीं आए हैं। हालांकि सरकार नौजवानों के लिए रोजगार मुहैया कराने के लिए कई कदम उठाए जाने की बात कही है। खबरों के अनुसार, पिथौरागढ़ के रोजगार निदेशालय में हजारों नौजवान अपना पंजीकरण कराते हैं लेकिन उस हिसाब से उन्हें नौकरी नहीं मिल पाती हैं। 

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार के द्वारा राज्य से बेरोजगारी दूर करने से लेकर पलायन को रोकने के लिए कई उपायों के अपनाने का दावा किया जा रहा है लेकिन सीमांत जनपदों में 60 हजार से ज्यादा बेरोजगार नौजवानों की बड़ी फौज तैयार हो रही है। इसमें करीब 40 हजार पुरुष और 20 हजार महिला उम्मीदवार शामिल हैं। 

उत्तराखंड में 2 दिनों तक भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी, दून में 12वीं तक के स्कूलों मे...


यहां बता दें कि पिथौरागढ़ जिले में एक साल में कंपनियों में  नौकरी का यह औसत भी 198 के आसपास सीमित है। यही हाल प्रदेश के अन्य जनपदों का भी है। सेवायोजन कार्यालय को चलाने के लिए सरकार की ओर से करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं लेकिन यहां के बेरोजगार नौजवानों के रोजगार के लिए यह महकमा किसी काम का नहीं आ पा रहा है। पंजीकरण व नवीनीकरण तक सेवायोजन कार्यालय की भूमिका सीमित होकर रह गई है। सेवायोजन कार्यालय के द्वारा मिली गई जानकारी के अनुसार साल 2015 से अब तक करीब 750 लोगों को ही कंपनियों के द्वारा नौकरी दी गई है। 

 

Todays Beets: