देहरादून। आयुर्वेदिक दवाओं के सैम्पल टेस्ट में फेल होने के बाद अब कार्रवाई तेज कर दी गई है। घटिया दवाई की आपूर्ति के मामले में सचिव आयुष ने सप्लाई करने वाली कंपनियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आयुर्वेद निदेशक को इस मामले में जांच कर जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है। दोषी पाए जाने पर सप्लाई करने वाली कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।
दवाई की बिक्री पर रोक
गौरतलब है कि आयुर्वेद विभाग द्वारा किडनी रोगियों के लिए श्वेत पार्पटी, गोखुरादि गुगुलु और त्वचा रोग के लिए खदिरारिष्ट की खरीद की गई थी लेकिन जनवरी और फरवरी में तैयार की गई इन दवाइयों के सैंपल खरीद के बाद फेल पाए गए। हालांकि सैंपल के जांच में फेल होने के बाद विभाग ने दवाई की बिक्री पर रोक लगा दी है।
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दवा कंपनियों पर होगी कार्रवाई
ऐसा बताया जा रहा है कि बिना सैंपलिंग की दवाओं से मरीजों की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ किया गया। दवाइयों की मैन्युफैक्चरिंग की तारीख जनवरी और फरवरी के महीने की थी लेकिन सैंपल रिपोर्ट सितम्बर में आई। इस दौरान दवाओं की सप्लाई जारी रही। इस संबंध में आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि किडनी की बीमारी में घटिया दवाई मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। हालांकि आयुष सचिव हरबंस चुग ने कहा कि आयुर्वेद निदेशक को सैंपल फेल दवाइयों की जांच के लिए के निर्देश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट में दवा कंपनियों के दोषी पाए जाने पर उन्हें ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा।