देहरादून। राज्य में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी देने के मामले में लिप्त अधिकारियों पर एसआईटी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ऐसे शिक्षकों और अफसरों को सूचीबद्ध करते हुए एसआईटी शासन को गोपनीय सूचना भेजने की तैयारी में जुट गई है। इसमें जिले से लेकर निदेशालय तक के अफसर शिकंजे में आ रहे हैं ताकि इनकी जिम्मेदारी तय किया जा सके। बता दें कि एसआईटी को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी वालों के खिलाफ 150 से ज्यादा शिकायतें मिली थी।
रिपोर्ट दबा दी गई
गौरतलब है कि उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर फर्जी दस्तावेजों के आधार शिक्षकों को नौकरी दी गई थी। एसआईटी को मिले सैंकड़ों शिकायती पत्रों के आधार पर हुई जांच में हरिद्वार, देहरादून, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल के करीब 30 से ज्यादा शिक्षकों के खिलाफ मुकदमे की संस्तुति दी गई लेकिन शिक्षा निदेशालय ने दून के 4 एवं हरिद्वार के 9 शिक्षकों को छोड़कर बाकियों की रिपोर्ट मुख्य और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में ही दबा दी।
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मिलीभगत करने वाले होंगे बेनकाब
आपको बता दें कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी देने के मामले में लिप्त अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। अब एसआईटी ऐसे मामलों पर गंभीरता से काम करना शुरू कर दिया है। एसआईटी ने ऐसे अफसरों की पहचान कर उनके खिलाफ गोपनीय कार्रवाई शुरू कर दी है। इसमें शिक्षकों के प्रमाण पत्र न देने, प्रमाण पत्र रखने के लिए जिम्मेदार, नियुक्ति अधिकारी और कमेटी में शामिल अफसरों को भी शामिल किया जा रहा है। बता दें कि इन अधिकारियों के खिलाफ एसआईटी ने काफी जानकारियां जुटा ली हैं और इसे जल्द ही शासन को भेजने की तैयारी कर रहीं हैं ताकि शिक्षकों की नौकरी के इस फर्जीवाड़े में मिलीभगत करने वाले जिम्मेदार अफसर भी बेनकाब हो सकें।