देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षकों और शिक्षा मंत्री के बीच अब भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। रेसकोर्स स्थित शिक्षक भवन में वातानुकूलित सभागार का लोकार्पण करने के बाद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे शिक्षकों के वहां ड्रेसकोड में नहीं पहुंचने पर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि ‘मैं कड़वी दवाई हूं, असर जरूर करूंगा, कड़वा बोलता हूं और कड़े फैसले लेता हूं। 5 बार विधानसभा चुनाव जीत चुका हूं, अब नहीं जीतूंगा तब भी चलेगा, लेकिन शिक्षा विभाग को हारने नहीं दूंगा’।
गौरतलब है कि प्रदेश के शिक्षा विभाग में ड्रेसकोड लागू करने के बाद भी शिक्षकों द्वारा पूरी तरह से इसका पालन नहीं किया जा रहा है। वातानुकूलित सभागार के लोकार्पण के बाद बिना ड्रेस में आए शिक्षकों को देखकर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे भड़क गए। उन्होंने उनको संबोधित करते हुए सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया कि भवन का लोकार्पण करना है इसलिए मैं आया। मुझे नहीं पता था कि शिक्षक भी यहां होंगे।
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बता दें कि बिना ड्रेसकोड वाले शिक्षकों पर तंज कसते हुए अरविंद पांडे ने कहा कि मैं ड्रेस कोड में आया और आप भी, इसके लिए आप सभी को बधाई। उन्होंने कहा कि हर शिक्षक नेता अपनी और एक-दूसरे की उपलब्धियां बता रहा है लेकिन मुझे ये मत बताओ बच्चों के लिए क्या किया। शिक्षा मंत्री ने प्रत्येक शिक्षक से 10-10 बच्चों को गोद लेने कर अनुरोध किया। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि इन बच्चों को पढ़ा-लिखाकर योग्य बनाना ही आपकी असली उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल किसी को चुनाव हराने या जिताने का जिम्मा न लें, व्यवस्था सुधारने में अपना योगदान दें।
वहां गौर करने वाली बात है कि अरविंद पांडे ने शिक्षकों को चेतावनी देते हुए कहा कि शिक्षक मुझे हल्के में न लें। मुझे जो कहना है वो मैं सामने कहूंगा, शिक्षक अब भी संभल जाएं। अगर स्कूल ही नहीं रहेंगे तो शिक्षक कहां रहेंगे? फिर कैसे शिक्षक और कौन सा संगठन।