देहरादून। स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी लाने के सरकार के तमाम दावे फेल ही साबित हो रहे हैं। दून अस्पताल में मरीजों की हालत देखकर दूर दराज के अस्पतालों के बारे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। पूरे प्रदेश के सबसे बड़ा अस्पताल होने के बावजूद यहां मरीजों के लिए बेड तक नहीं है खासकर महिला वार्ड की हालत तो और भी खराब है। गर्भवती महिलाओं के लिए बिस्तर तक नहीं है और एक बेड के ऊपर दो-दो महिलाओं को लिटाया गया है। बता दें कि दून अस्पताल पर क्षमता से चार गुना ज्यादा मरीजों का दवाब है यही वजह है कि महिलाओं की डिलीवरी भी अव्यवस्थाओं के बीच कराया जाता है। अभी हाल ही में आॅपरेशन के दौरान अस्पताल में बिजली गुल हो गई जिसके बाद डाॅक्टरों को काफी परेशानियों का समाना करना पड़ा। सरकार को सारी बातों की जानकारी होने के बाद भी स्थिति बदल नहीं रही है। हालत यह कि प्रसव उपरांत महिलाएं नवजात संग कॉरिडोर में फर्श पर अपना ठिकाना तलाश रही हैं। आपको बता दें कि इस तरह के एक दो नहीं बल्कि कई मरीज फर्श पर चादर बिछाकर अपने बच्चे के साथ रहने पर मजबूर हैं।
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