चमोली। सिक्किम में चीन के साथ सीमा विवाद का असर उत्तराखंड से लगने वाली सीमा पर भी दिखाई दे रहा है। यहां बाड़ाहोती इलाके में चीनी सेना की धमकी के बाद आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) ने चरवाहों को सीमा क्षेत्र से सुरक्षित वापस लौटने की सलाह दी है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस खबर की कोई भी पुष्टि नहीं हुई है। चमोली जिला प्रशासन इस प्रकरण से खुद को अंजान बता रहा है। जोशीमठ के एसडीएम योगेंद्र जोशी ने बताया कि हर साल चरवाहों को सीमावर्ती क्षेत्रों में जाने की अनुमति दी जाती है। इस बार भी 51 चरवाहों को अनुमति दी गई थी। उन्हें वापस भेज दिया गया है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
चीनी सेना ने दी धमकी
गौरतलब है कि सीमावर्ती चमोली जिले के नीती-माणा गांव के पास चीन से लगने वाली सीमा क्षेत्रों में चरवाहे हर साल अपनी भेड़-बकरियों के साथ प्रवास करते हैं। अप्रैल-मई में गर्मी शुरू होते ही ये चरवाहे बुग्यालों (मखमली घास के मैदान) की ओर चले जाते हैं और सितंबर में सर्दियां शुरू होने पर ही वापस लौटते हैं लेकिन इस बार वे अगस्त में ही सीमावर्ती क्षेत्रों से नीचे की ओर आने शुरू हो गए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि भारत और चीन के बीच बढ़ रहे सीमा विवाद के कारण बाड़ाहोती इलाके में चीनी सेना ने न सिर्फ चरवाहों को धमकाया बल्कि उनके तंबू भी उखाड़ दिए।
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सीमा पर टेंशन
यहां बता दें कि पैनी गांव के राजेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि वे सालों से भेड़-बकरियों के साथ सीमा क्षेत्र की आवाजाही करते रहे हैं। इस साल भी वे अपनी बकरियों को बाड़ाहोती क्षेत्र में ले गए थे लेकिन सीमा पर माहौल ठीक न देखकर उन्हें वापस लौटना पड़ा। राजेंद्र के अनुसार इस बार सीमा पार काफी हलचल देखी जा रही है।