देहरादून। उत्तराखंड में नई सरकार को सत्ता संभाले ज्यादा दिन नहीं हुए हैं लेकिन विभागों की मनमानी सामने आने लगी है। यह मनमानी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से की जा रही है। राज्य के कई मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने अटैचमेंट खत्म करने के कैबिनेट के फैसले को न मानते हुए 32 डॉक्टर, फार्मासिस्ट और अन्य कर्मचारी अटैच कर दिए। गुपचुप तरीके से किए गए अटैचमेंट की शिकायत मिलने पर अब इस पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
अटैचमेंट का खेल
गौरतलब है कि पिछली सरकार ने प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के मकसद से मैदानी क्षेत्रों में अटैचमेंट पर तैनात डॉक्टरों समेत सभी कर्मचारियों को मूल तैनाती स्थल पर भेजने का निर्णय लिया था। शासनादेश जारी होने के बाद अधिकांश डॉक्टर, फार्मासिस्ट मूल तैनाती पर चले गए थे। अब प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद अटैचमेंट का खेल फिर से शुरू हो गया है।
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सीएमओ पर होगी कार्रवाई
इसमें बड़ी बात यह है कि सीएमओ अपने स्तर से ही कर्मचारियों को अटैच कर रहे हैं। इसके लिए न तो सरकार से और न ही स्वास्थ्य निदेशालय से ही अनुमति ली गई। खबरों के अनुसार सबसे अधिक अटैचमेंट देहरादून जिले में हुए हैं। इस गुपचुप तरीके से किए गए अटैचमेंट की शिकायत कुछ डॉक्टरों ने सरकार से की है। शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ डीएस रावत ने कहा कि यह मामला संज्ञान में है। इसके बाद अब इस मामले में कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि पीपीपी मोड से हटने के बाद रायपुर अस्पताल के संचालन के लिए कुछ डॉक्टरों, फार्मासिस्टों के अटैचमेंट किए गए हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा कि इसके अलावा किए गए अन्य अटैचमेंट का पूरा ब्योरा मांगा गया है। बिना इजाजत हुए अटैचमेंट को खत्म किया जाएगा और सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।