नई दिल्ली/देहरादून। देहरादून में एमबीए छात्र रणवीर सिंह के फर्जी एनकाउंटर मामले में आरोपी उत्तराखंड के 8 पुलिसकर्मियों को मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषी करार दिया है और 11 पुलिस वालों को बरी कर दिया गया है। कुल 18 पुलिसकर्मियों ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट की सजा के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी। अब बहस के बाद अगली सुनवाई में दोषियों को सजा सुनाई जाएगी। यहां बता दें कि 3 जुलाई 2009 में उत्तराखंड के एक छात्र को एनकाउंटर में मार दिया गया था।
सुबूत मिटाने के आरोप
गौरतलब है कि रणवीर सिंह नाम के छात्र के एनकाउंटर होने के बाद तीस हजारी कोर्ट ने 24 जून 2014 को 17 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या करने, सुबूत मिटाने, अपहरण करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में दोषी करार दिया था और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी। वहीं एक आरोपी जसपाल सिंह गोसांई को हत्या, अपहरण व सुबूत मिटाने के मामले में बरी कर दिया था। हालांकि अदालत ने गोसांई को आईपीसी की धारा 218 के तहत गलत सरकारी रिकार्ड तैयार करने के मामले में दोषी करार दिया था, साथ ही 50 हजार का मुचलका भरने का निर्देश भी दिया था।
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यह है फर्जी एनकाउंटर मामला
यहां बता दें कि गाजियाबाद के रहने वाले छात्र रणवीर सिंह 2 जुलाई, 2009 को अपने एक साथी रामकुमार के साथ घूमने एवं नौकरी के लिए साक्षात्कार देने के मकसद से देहरादून गया था। वहां 3 जुलाई को उत्तराखंड पुलिस से किसी बात को लेकर हुई झड़प के बाद पुलिस ने उसे बदमाश बताते हुए देहरादून में डालनवाला थाना क्षेत्र के लाडपुर के जंगल में फर्जी एनकाउंटर कर मार दिया था। पुलिस ने अपना बचाव करने के लिए छात्र के पास एक रिवाॅल्वर और देसी तमंचा बरामद दिखाया था। रणवीर के पिता रविंद्र सिंह ने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए घटना की जांच की मांग की।
गुस्से में किया एनकाउंटर
यहां गौर करने वाली बात है कि उत्तराखंड सरकार ने रणवीर के पिता की मांग को ठुकराते हुए जांच कराने से इंकार कर दिया था और पुलिस वालों को उनकी बहादुरी के लिए पुरस्कार भी दिया था। इसके बाद मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई। मामला दो राज्यों से जुड़ा होने के कारण केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। बता दें कि सीबीआई ने जांच में खुलासा किया कि उत्तराखंड पुलिस ने अपनी भड़ास निकालने के लिए रणवीर सिंह का फर्जी एनकाउंटर किया था।
नजदीक से मारी गोलियां
सीबीआई की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि रणवीर के शरीर पर 29 गोलियों के निशान पाए गए थे। इनमें से 17 गोलियां बेहद करीब से मारी गई थीं। सीबीआई जांच में 18 पुलिसकर्मी आरोपी पाए गए। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया गया।