देहरादून। शिक्षा विभाग में सुधार लाने की कोशिशों को पलीता लगाने वाले अधिकारियों को मंत्री ने सख्त चेतावनी दी है। बता दें कि मंत्री ने सभी अधिकारियों को स्कूलों के एक तय मानक के आधार पर निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे लेकिन ज्यादातर अधिकारियों ने अपने दफ्तरों से बाहर निकले ही नहीं। ऐसे 13 सीईओ और डीईओ समेत 94 ऐसे सुस्त अफसरों की पहचान की गई है जिन्होंने एक भी स्कूल का मुआयना करने की जरूरत नहीं समझी।
अफसरों को चेतावनी
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री की तरफ से अक्टूबर में प्रशानिक अधिकारियों को इस बात के निर्देश दिए थे कि वे तय मानकों के आधार पर स्कूलों का निरीक्षण कर शिक्षा का गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए उपाय बताएंगे। लेकिन इन अधिकारियों में ज्यादातर अपने दफ्तरों से बाहर ही नहीं निकले। अक्टूबर महीने के निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर महानिदेशक-शिक्षा आलोक शेखर तिवारी ने ऐसे अफसरों की लिस्ट जारी करते हुए कड़ी चेतावनी जारी की है।
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मंत्री के चहेते भी नहीं गए निरीक्षण पर
आपको बता दें कि सरकारी स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के लिए शिक्षा मंत्री ने अफसरों को नियमित रूप से निरीक्षण करने की जिम्मेदारी दी है। इसके तहत सीईओ डीईओ, बीईओ और उपशिक्षा अधिकारियों के लिए दिन तय कर दिए गए हैं।लापरवाह अफसरों में नारसन के उपशिक्षा अधिकारी ब्रजपाल सिंह राठौर भी शामिल है। बता दें कि राठौर को शिक्षा मंत्री का काफी करीबी माना जाता है लेकिन उन्होंने अक्टूबर में एक भी दिन स्कूलों को मुआयना नहीं किया। उनके साथ ही हरिद्वार के और भी कई उपशिक्षा अधिकारी लापरवाह अफसरों की लिस्ट में शामिल हैं।
लापरवाह अधिकारियों की पहचान
सीईओ
बागेश्वर, चमोली, नैनीताल, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर।
डीईओ-माध्यमिक
बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, टिहरी और ऊधमसिंह नगर।
डीईओ-बेसिक
बागेश्वर और चमोली