हल्द्वानी। उत्तराखंड में पाॅलीथिन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। इसके लिए सरकारी आदेश भी जारी हो चुकी है इसके बावजूद यहां धड़ल्ले से पाॅलीथिन का उपयोग किया जा रहा है। हल्द्वानी नगर निगम के अधिकारी ऐसे लोगों के खिलाफ सिर्फ नोटिस भेजने की ही जहमत उठा रहे हैं। पाॅलीथिन का इस्तेमाल करने वालों पर 5000 रुपये का जुर्माना का प्रावधान है लेकिन पकड़े जाने पर उनपर महज नाममात्र का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाता है।
नहीं रुक रहा पाॅलीथिन का इस्तेमाल
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने 11 जनवरी को ही पाॅलीथिन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा चुकी है। इसके लिए सरकारी आदेश तक जारी किए जा चुके हैं इसके बावजूद हल्द्वानी में धड़ल्ले से पाॅलीथिन का उपयोग किया जा रहा है। नगर निगम के अधिकारी के पास इसे रोकने के कोई उपाय नहीं हैं। इन अधिकारियों की लापरवाही का ही नतीजा है कि शहर के मंडी और बाजार से लेकर हर गली-मोहल्ले में फड़ एवं ठेली तक पर पॉलीथिन का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। नगर निगम प्रबंधन प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के प्रति कितना सतर्क है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ढाई माह से पूर्व एमएनए हरबीर सिंह के तबादले के बाद से कोई निगम के स्तर से कोई प्रभावी अभियान नहीं चलाया गया।
निगम की लापरवाही
आपको बता दें कि पाॅलीथिन का उपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान है इसके बावजूद लोगों के द्वारा बेझिझक इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। निगम और जिला पंचायत ने अब तक छापेमारी के लिए टीमें तक गठित करने की भी कोई जहमत नहीं उठाई है। पकड़े जाने पर पांच हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान होने के बावजूद नियम तोड़ने वालों को नाम मात्र का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाता है। आज आप जहां भी नजर दौड़ाकर देख लें हर तरफ आपको पाॅलीथिन बिखरे मिलेंगे। इसे खत्म करने के लिए इसमें आग लगा दी जाती है जिसकी वजह से उससे निकलने वाला धुआं लोगों की सेहत को भी खराब कर रहा है।