देहरादून। ऐसा लगता है कि उत्तराखंड के विकास के लिए प्रधानमंत्री के केन्द्र और प्रदेश वाली डबल इंजन ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। केन्द्रीय खाद्य और प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने राज्य में फसलों के भंडारण के लिए 5 कोल्ड चेन परियोजना को मंजूरी दी है। इन कोल्ड स्टोरेज के बनने से फसलों को बर्बाद होने से बचाया जा सकेगा वहीं किसानों को सही दाम भी मिल पाएंगे।
किसानों को होगा फायदा
आपको बता दें कि राज्य के मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने कहा कि कोल्ड स्टोरेज के निर्माण पर करीब 86 करोड़ रुपये की लागत आएगी। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में कोल्ड स्टोरेज की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण किसानों का फसल बर्बाद हो जाता है। अब नए कोल्ड स्टोरेज के निर्माण से किसानों को काफी फायदा मिलेगा।
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फसल, सब्जी और मीट का भंडारण होगा मुमकिन
यहां आपको बता दें कि केन्द्र सरकार ने पूरे देश में कोल्ड चेन का जाल बिछाने की बात कही थी। फल, फूल व अन्य कृषि उपज को उचित तरीके से सहेजकर उसे ताजा उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कोल्ड स्टोरेज के खुलने से रखरखाव के अभाव में जल्दी खराब होने वाली सब्जियों, फल, मीट, पाल्ट्री और डेयरी उत्पाद को किसान के खेत से भंडारगृह के रास्ते उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का रास्ता सरकार की इस पहल से आसान हो जाएगा।
खेतों से रसोई तक
कोल्ड चेन में खेतों से उपज को सीधे उठाकर फ्रीज वाले ट्रकों में लादने, उसकी ग्रेडिंग और छंटाई के साथ उसे कोल्ड स्टोर में रखने की व्यवस्था की जा रही है। इसके बाद उसे खुदरा बाजार के रास्ते उपभोक्ताओं के रसोई तक पहुंचाने का बंदोबस्त किया जा रहा है। इसमें केंद्र सरकार की मदद से राज्य सरकारें, छोटे से लेकर बड़े निवेशक और औद्योगिक घराने हिस्सा ले रहे हैं।