देहरादून। राज्य के शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षकों की भर्ती के बाद अब वन विभाग में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है। इस खबर के सामने आने से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। वन विभाग को मिले एक गुप्त पत्र में इस बात की जानकारी दी गई है कि दैनिक से नियमित हुए कर्मचारियों के मामले में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। मामला सामने आने के फौरन बाद इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। फर्जीवाड़ा की खबर के आद अब विभाग मृतक आश्रितों को भी नौकरी देने के मामले में संभलकर कदम उठा रहा है।
वनरक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के बाद वन विभाग में करीब 43 पदों पर नियुक्ति में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। इसके बाद से राज्य का वन विभाग भी जांच के दायरे में आ गया है। दैनिक से नियमित हुए कई कर्मचारियों के दस्तावेज फर्जी होने की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि वन विभाग को एक गोपनीय पत्र मिला था जिसमें कर्मचारियों के दस्तावेज के फर्जी होने की खबर दी गई थी। इस खत के आने के बाद हरकत में आए वन विभाग ने 2008 से जो भी व्यक्ति दैनिक श्रमिक से नियमित वन आरक्षी बना है, सभी के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच कराने का फैसला लिया है।
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प्रमाणपत्रों की जांच
आपको बता दें कि इस खबर के बाद से ही वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। खबर के बाद सभी कर्मचारियों के शैक्षिक दस्तावेजों को संबंधित बोर्ड को भेजा गया है। वहां से सत्यापन के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। अब विभाग ने इसकी जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। यहां बता दें कि इससे पहले राज्य में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई शिक्षकों की भर्ती की जांच एसआईटी के द्वारा की जा रही है।