देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने के लिए शिक्षकों को अपनी भागीदारी बढ़ाने की अपील की है। लक्ष्मण इण्टर काॅलेज में आयोजित राजकीय शिक्षक संघ के चतुर्थ द्विवार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए सीएम ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और उनको बेहतर शिक्षा देना सरकार की प्राथमिकता है। शिक्षक संघ के अधिवेशन में प्रतिभाग करने वाले शिक्षकों को विशेष आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति भी उन्होंने प्रदान की तथा कहा कि शीघ्र ही प्रदेश में स्थानान्तरण अधिनियम लाया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने राजकीय शिक्षक संघ की स्मारिका ‘‘शिक्षा दर्पण‘‘ का विमोचन तथा वेबसाइट का लोकार्पण किया।
शिक्षक संघ भवन की जरूरत
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों की तुलना करने से मना करते हुए कहा कि शिक्षक पूरे राज्य के लिए गौरव होता है। स्थानीय लक्ष्मण इंटर काॅलेज में आयोजित राजकीय शिक्षक संघ के चौथे द्विवार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में शिक्षकों की काफी बड़ी संख्या है ऐसे में देहरादून में संगठन के लिए संघ भवन की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संगठन लोकतंत्र को मजबूत करते हैं, लोकतंत्र संविधान की रीढ़ है, राज्य का आधार ही शिक्षा से जुडे लोगों से है, यह राज्य के सम्मान से जुड़ा विषय भी है।
राज्य का गौरव हैं शिक्षक
आपको बता दें कि अधिवेशन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक और राज्य कर्मचारियों में काफी अंतर है। उन्होंने शिक्षकों को राज्य का गौरव बताया है। अपने संबोधन के दौरान अधिवेशन के लिए शिक्षकों की छुट्टी वाले मामले पर तंज करते हुए कहा कि शिक्षकों का ध्यान बच्चों की शिक्षा पर होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षकों को अपनी समस्या को शिक्षा के बीच नहीं लाने का भी अनुरोध किया।
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शिक्षा स्तर में सुधार
प्रदेश में बच्चों से सीधा संवाद कार्यक्रम करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पहल की गई है। सीएम ने कहा कि बच्चों को महसूस होना चाहिए कि हममें और आपमें एक कदम का फासला है। हम आज जहां है कल बच्चे भी वहां पंहुच सकते है, उनमें यह अहसास होना चाहिए। कम संख्या वाले स्कूलों की बंदी वाले आदेश के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सरकारी स्कूलों की शिक्षा के स्तर में सुधार होगा तभी बच्चे यहां दाखिला लेंगे और स्कूल बंद होने से बचे रहेंगे तथा शिक्षकों को भी लाभ मिल सकेगा।
गिरती शिक्षा व्यवस्था पर चिंता
शिक्षा व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज 60 प्रतिशत बच्चे निजि स्कूलों में पढ़ रहे हैं, केवल 40 प्रतिशत बच्चे ही सरकारी स्कूलों में रह गये हैं जबकि सरकारी स्कूलों के अध्यापक सबसे योग्य है तथा वेतन भी अधिक पाते हैं। ए ग्रेड में सरकारी अध्यापक ही आता है। हमारे बच्चे भी सरकारी अध्यापक तभी बन पायेंगे जब हम उनके लिए अवसर छोड़ेंगे, इसके लिये स्कूलों को बंद होने से बचाना होगा, उनकी गुणवत्ता युक्त शिक्षा पर ध्यान देना होगा।
छात्रों की समस्या दूर करने के लिए थिंक टैंक
उन्होंने शिक्षकों से योग्य 10-12 शिक्षकों का थिंक टैंक गठित करने की भी बात कही। यह थिंक टैंक शिक्षा की गुणवत्ता, विद्यालयों की मजबूती स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने आदि समस्याओं के समाधान के लिये अपने सुझाव रखे। हमे अपने बच्चों की चिंता करनी होगी, हमारे बच्चे हमारे विद्यालयों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त कर सके इस पर मनन करने की जरूरत है। इसमें सभी को सहयोगी बनना होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने राजकीय शिक्षक संघ की स्मारिका ‘‘शिक्षा दर्पण‘‘ का विमोचन तथा वेबसाइट का लोकार्पण किया।