देहरादून । उत्तराखंड ते पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रमेश पोखरियाल निशंक के नामांकन को एक बार फिर से नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है । कोर्ट इस मामले में 12 अप्रैल को सुनवाई करेगी । हालांकि पूर्व में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच हरिद्वार से निर्दलीय प्रत्याशी और भाजपा के बागी मनीष वर्मा की याचिका को पूर्व में खारिज कर चुकी है। ऐसे में उन्होंने हाईकोर्ट की डबल बेंच के सामने याचिका दायर की है । असल में कोर्ट ने वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में पूर्व विधायक सरिता आर्य के नामांकन को चुनौती वाली याचिका का हवाला देते हुए निशंक की याचिका को खारिज किया था। उस दौरान कोर्ट ने कहा था कि नामांकन को चुनौती नहीं दी जाएगी, बल्कि चुनाव को चुनौती दे सकते हैं।
बता दें कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के नामांकन के खिलाफ हाईकोर्ट जाने वाला शख्स कोई ओर नहीं बल्कि भाजपा के बागी नेता मनीष वर्मा हैं। इस बार वह हरिद्वार सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। इससे इतर , देहरादून निवासी मनीष वर्मा ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा था कि डॉ. निशंक ने नामांकन के साथ दिए गए हलफनामे में बतौर पूर्व मुख्यमंत्री मिले सरकारी आवास और अन्य सुविधाओं के बकाए को लेकर तथ्य छिपाया है। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी बेटी के बैंक खातों का उल्लेख नहीं किया है।
हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि निशंक ने दिल्ली स्थित सांसद आवास का प्रोवीजनल सर्टिफिकेट लगाया है। इसकी निर्वाचन अधिकारी से भी शिकायत की गई, लेकिन निशंक ने वहां अपने जवाब में कहा कि उनकी बेटी उन पर निर्भर नहीं है। वे अभी भी सांसद हैं। बहरहाल, कोर्ट अब इस मामले में 12 अप्रैल को सुनवाई करेगी ।