देहरादून। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हरीश रावत ने हरिद्वार में कहा कि सरकार गंगा संरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे संत स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद उर्फ प्रोफेसर जीडी अग्रवाल की मांगों को जनबूझ कर अनदेखा कर रही है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि सरकार गंगा के संरक्षण से जुड़े संत को मारना चाहती है। हरदा ने कहा कि कंेद्र में स्वर्गीय राजीव गांधी की सरकार के समय ही गंगा एक्शन प्लान के तहत काफी कार्य किए गए लेकिन अब सिर्फ उनकी अनदेखी की जा रही है।
गौरतलब है कि हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह गंगाजल की गुणवत्ता को लेकर गंभीर नहीं है। हरीश रावत ने कहा कि नदियों के प्राकृतिक प्रवाह पर पंचेश्वर बांध बनाकर नदियों के पर्यावरणीय प्रवाह को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से नदियों के पानी की गुणवत्ता प्रभावित होगी और पानी के अंदर रहने वाले जीवों का जीवनचक्र खतरे में पड़ जाएगा।
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यहां बता दें कि हरीश रावत ने कहा कि केंद्र में जब राजीव गांधी की सरकार थी उस समय नदियों के पानी के पर्यावरणीय सतह को निधारित करने की कोशिश की गई थी लेकिन राज्यों के बीच समन्वय नहीं होने से इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उसी समय गंगा एक्शन प्लान के तहत काफी काम किया गया था लेकिन अब सिर्फ गंगा को गंदा किया जा रहा है।
भाजपा पर हमलावर रुख अख्तियार करते हुए हरदा ने कहा कि गंगा के के मुद्दे को लेकर सरकार सत्ता में आई और गंगा की सफाई के नाम पर 18 हजार करोड़ रुपये के बजट जारी करने की भी बात कही लेकिन हकीकत में कुछ भी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद गंगा के लिए विशेष एक्ट पास करवाया जाएगा।