नैनीताल। शिक्षकों के बाद ऊर्जा निगमों की परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों को भी एक बड़ा लगा है। हाईकोर्ट ने ऊर्जा निगमों में तकनीशियन-ग्रेड-2, आशुलिपिक एवं कार्यालय सहायक के पदों पर सीधी भर्ती द्वारा की जा रही चयन प्रक्रिया के परिणाम को कोर्ट की अनुमति के बिना घोषित करने पर रोक लगा दी है। बता कि कोर्ट ने यह फैसला उत्तराखंड विद्युत संविदा संगठन के अध्यक्ष योगेंद्र व महामंत्री मनोज चंद्र पंत द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दी है।
नियमित करने के आदेश
गौरतलब है कि मनोज चंद्र पंत ने अपनी याचिका में कहा था कि पूर्व में खंडपीठ के सामने ऊर्जा निगमों द्वारा अंडरटेकिंग दी गई थी कि जिन पदों पर उपनल के माध्यम से कर्मचारी कार्यरत हैं, उन पदों को सीधी भर्ती से नहीं भरा जाएगा। इसके लिए 3 साल पहले शासनादेश भी जारी किया गया था वहीं संविदा पर काम करने वालों को नियमित करने के मामले में औद्योगिक अभिकरण की तरफ से इसी साल 10 सितंबर को 2011 और 2013 की नियमितीकरण नियमावली के अंतर्गत पात्र श्रमिकों को 15 अगस्त 2014 से नियमित करने का आदेश पारित किया है।
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परीक्षा के एक घंटे के अंदर परिणाम
यहां बता दें कि इस आदेश के बावजूद संविदाकर्मियों के नियमितीकरण के लिए मौजूद पदों को घोषित किए बिना ही सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा एक ही दिन में परीक्षा के एक घंटे के अंदर परिणाम घोषित कर उसकी उत्तरपुस्तिका वेबसाइट पर अपलोड भी कर दी और 20 नवंबर तक इसके लिए आपत्तियां भी मांग ली गईं हैं।