देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य के अतिथि शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने राज्य के स्कूलों मंे खाली पड़े शिक्षकों के पदों पर मई 2019 तक स्थाई नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक स्थाई तौर पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर दी जाती है अतिथि शिक्षकों की सेवाएं ली जा सकती है। कोर्ट ने इस शिक्षकों को 8 सप्ताह के अंदर नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। अल्मोड़ा के एक शख्स द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने यह फैसला दिया।
गौरतलब है कि राज्य में शिक्षकों की भारी कमी है। राज्य के अलग-अलग स्कूलों में तैनात अतिथि शिक्षकों को हाईकोर्ट के आदेश के बाद हटा दिया गया था। ऐसे में शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। इस बात को लेकर अल्मोड़ा के गोपाल दत्त के द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी की वजह से कई अभिभावक अपने बच्चों को घरों मंे रखने पर मजबूर हैं।
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यहां बता दें कि इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह ने सरकार को आदेश देते हुए कहा कि मई 2019 तक इन खाली पदों पर स्थाई नियुक्ति किया जाए। छात्रों के भविष्य को देखते हुए फिलहाल स्कूलों में 8 सप्ताह के अंदर अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं। इसमें पहले से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को वरीयता देने के निर्देश दिए हैं।
गौर करने वाल बात है कि कोर्ट ने यह भी कहा है कि स्थाई नियुक्ति होने के बाद अतिथि शिक्षकों को हटा दिया जाएगा।