नैनीताल। उत्तराखंड विधानसभा में नौकरी पाने वाले 164 अधिकारियों और कर्मचारियों को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने इन सभी को चार हफ्ते के अंदर कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट की संयुक्त पीठ ने विधानसभा में हुई नियुक्तियों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह के बाद होगी।
नियुक्ति को निरस्त करने की मांग
गौरतलब है कि साल 2016 में विधानसभा में नियुक्ति पाने वाले इन कर्मचारियों को चपरासी से लेकर निजी सचिव और अपर सचिव पद तक तैनाती दी गई है। बागेश्वर जिले के रहने वाले राजेश चंदोला और अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि इन सभी लोगों को गुपचुप तरीके से नियुक्ति दी गई है और इसमें मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। आपको बता दें कि इस जनहित याचिका में नियुक्ति प्रक्रिया की जांच और नियुक्तियों को निरस्त करने की मांग की गई है।
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कांग्रेस सरकार में भर्ती
यहां बता दें कि साल 2016 में उत्तराखंड विधानसभा में ये नियुक्तियां उस समय हुईं जब वहां कांग्रेस की सरकार थी और विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल थे। याचिका में आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया में विधानसभा की नियमावली का भी उल्लंघन किया गया है।