देहरादून। तबादला होने के बावजूद नई जगहों पर ज्वाइन न करने वाले शिक्षकों को हाईकोर्ट ने राहत दी है। अपर मुख्य सचिव, शिक्षा डाॅक्टर रणवीर सिंह ने इन शिक्षकों को मौजूदा खाली पदों या भविष्य में होने वाले शिक्षकों के प्रमोशन-रिटायरमेंट या तबादलों के कारण खाली होने वाले स्थानों पर नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं। आपको बता दें कि नई जगह पर ज्वाइन न करने वाले ये 31 शिक्षक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। वहीं दूसरी तरफ फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सभी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच सीबीआई से कराने के फैसले का शिक्षक संगठनों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि शिक्षकों का कहना है कि सही और गलत की जांच होना जरूरी है। यदि शिक्षक योग्य न होंगे तो भला वो छात्रों को क्या ज्ञान दे पाएंगे। हाईकोर्ट से मिली राहत
गौरतलब है कि राज्य में चुनाव से पहले कई शिक्षकों के तबादले कर दिए गए थे। इनमें से से कुछ तो सिफारिशी थे वहीं कुछ जरूरतमंद भी। इनमें से 31 को पद खाली न होने की वजह से रोक दिया था। इन 31 शिक्षकों में से ज्यादातर गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। यहां बता दें कि प्रदेश की नई सरकार ने चुनाव से पहले हुए सभी शिक्षकों के तबादले को रद्द कर दिया था। हालांकि नियमानुसार हुए तबादलों को जारी रखने की बात कही गई थी। सरकारी आदेश के कारण सही मायनों में जरूरत के मुताबिक हुए तबादले वाले शिक्षक भी आ गए थे।
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नियुक्ति के आदेश
शिक्षा विभाग के इस दोहरे रवैये के खिलाफ ये शिक्षक हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद सरकार को इन शिक्षकों के लिए हुए शासनादेश को जारी रखने के आदेश दिए। इसके बाद अपर मुख्य सचिव, शिक्षा डाॅक्टर रणवीर सिंह ने इन शिक्षकों को मौजूदा खाली पदों पर या निकट भविष्य में होने वाले शिक्षकों की पदोन्न्ती-रिटायरमेंट या तबादले के कारण होने वाले खाली पदों पर नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं। अहम बात ये है कि इन शिक्षकों का मूल लियन अपने मूल स्कूल में ही रहेगा। इससे स्थानीय शिक्षकों की वरिष्ठता पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा।
शिक्षक संगठन ने किया स्वागत
सरकार द्वारा सभी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच सीबीआई से कराने के फैसले का शिक्षक संगठनों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए यह जरूरी है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि अगर शिक्षक योग्य नहीं होंगे तो छात्रों को क्या शिक्षा देंगे? इसके साथ ही संगठन फर्जी तरीके से नौकरी देने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई का समर्थन किया है। अब शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच के लिए सीबीआई जांच को तो मंजूरी तो दे दी है। मुख्यमंत्री के पास इसकी फाइल भी भेजी जा चुकी है। देखना है कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को लेकर गंभीर मुख्यमंत्री इस पर क्या फैसला लेते हैं!