Wednesday, May 8, 2024

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प्रदेश में अपना वजूद तलाशती कांग्रेस में अंतर्कलह तेज, पूर्व प्रदेश प्रमुख ने उठाए कई सवाल

अंग्वाल न्यूज डेस्क
प्रदेश में अपना वजूद तलाशती कांग्रेस में अंतर्कलह तेज, पूर्व प्रदेश प्रमुख ने उठाए कई सवाल

देहरादून। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राज्य में अपने वजूद को तलाशते कांग्रेस में अंतर्कलह शुरू हो गया है। वर्चस्व की लड़ाई में ज्यादा दिलचस्पी लेने वाले बड़े नेता एक दूसरे को पटखनी देने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मुखिया किशोर उपाध्याय ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा दी जा रही दावतों को निशाने पर लेकर गुटों की खींचतान को सतह पर ला दिया है।

कभी प्रेम पर आज तल्खी

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। पार्टी की इस स्थिति को देखते हुए आलाकमान ने प्रदेश स्तर में बड़े फेरबदल भी किए। राज्य में पार्टी का कमान संभाल रहे किशोर उपाध्याय को हटाकर प्रीतम सिंह को पार्टी का मुखिया तैनात किया गया। प्रीतम के सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी को एक बार फिर से खड़ा करना है। पार्टी की हार की टीस ने कभी एक दूसरे के करीबी समझे जाने वाले नेताओं को आमने-सामने लाकर खड़ा कर दिया है। 

किशोर को नहीं मिला निमंत्रण

पार्टी में नए अब सिरे से वजूद की लड़ाई शुरू हो चुकी है। इस लड़ाई में जीत भले ही किसी को हो लेकिन इसने संगठन और कार्यकर्ताओं के माथे पर बल जरूर ला दिए हैं। पिछले दिनों यूपीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार के दून आगमन के मौके पर पार्टी के पूर्व प्रमुख किशोर उपाध्याय को पहले से कोई सूचना नहीं दी गई इसके बाद उन्हें विधायकों व सांसदों की बैठक में भीतर जाने से रोक दिया गया। इस व्यवहार से किशोर नाराज हो गए। किशोर ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए पत्रकारों से कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए उन्हें अपमान का घूंट पीना भी मंजूर है। 

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हरदा पर वार

किशोर ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा हरदा पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि पार्टी की इतनी बुरी हार के बावजूद इस तरह की ‘पार्टी’ का कोई मतलब नहीं है। जब घर में बुरा हुआ तो कोई जश्न नहीं मनाता। किशोर की इस तल्खी को हरदा के साथ उन्हें साइडलाइन करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। 

किशोर और रावत बीच बढ़ती दूरी 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की टिप्पणियों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि किसी का अपमान कांग्रेस की परंपरा नहीं रही है। प्रीतम ने कहा कि मीरा कुमार के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सभी को आमंत्रित करने के लिए कहा गया था लेकिन किशोर उपाध्याय को सूचना क्यों नहीं मिली, उन्हें नहीं पता। बड़े नेताओं को पार्टी फोरम पर अपनी बात कहनी चाहिए, अन्यथा अनुशासन का पाठ सिर्फ कार्यकर्ताओं को ही पढ़ाने के लिए नहीं है। पूर्व सीएम हरीश रावत की दावतों पर किशोर की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि आम, काफल और हरेला की दावतों पर हर्ज ही क्या है। बाकी किशोर उपाध्याय और हरीश रावत के बीच क्या है, वे दोनों ही बेहतर जान सकते हैं।

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