देहरादून। उत्तराखंड में अब यूपीसीएल में भी गड़बड़झाले की बात सामने आई है। घोटाले की आशंका से पहले ही यूपीसीएल के निदेशक बीसीके मिश्रा ने इसके लिए जांच बैठा दी है। निदेशक परियोजना एमके जैन और निदेशक परिचालन अतुल अग्रवाल की टीम इसकी जांच कर निदेशक को रिपोर्ट देंगे। बता दें कि यूपीसीएल पर इस बात का आरोप है कि ट्रिप रिले की खरीद में बड़ा घोटाला किया गया है। इससे पहले भी कई विभागों में घोटाले की बात सामने आई है।
ट्रिप रिले की खरीद में गड़बड़ी
गौरतलब है कि आरटीआई में मांगी गई जानकारी के आधार पर बिजली घरों के पैनल्स में लगने वाली ट्रिप रिले बाजार भाव से अधिक दरों पर खरीदने की बात सामने आई है। यह रिले फरवरी 2015 से मार्च 2017 तक खरीदी गई। बाजार में रिले की कीमत करीब 23 हजार रुपये है जबकि निगम ने 180 रिले की खरीद करीब 36 हजार रुपये की दर से की।
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अधिकारियों की मिलीभगत
आपको बता दें कि मास्टर ट्रिप रिले जो बाजार में सिर्फ 3800 रुपये में उपलब्ध है उसे यूपीसीएल ने 16500 रुपये में खरीदे हैं। इसके अलावा जिस कंपनी को रिले लगाने का काम दिया गया, उसने टेस्टिंग और स्थापित करने के लिए दस हजार रुपये लिए जबकि बाजार में इसकी दर महज चार हजार रुपये है। यहां जानकारी में यह बात भी सामने आई की पुरानी रिले को उतारने और नई रिले को लगाने का काम अलग-अलग कंपनियों को दिया गया। इससे साफ है कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत साफ नजर मिलता है।
रिले का काम
बता दें कि लाइनों में फॉल्ट आने पर बिजली आपूर्ति अपने आप बंद करने के लिए रिले लगाई जाती है। यूपीसीएल के मुख्य अभियंता एवं प्रवक्ता एके सिंह ने बताया कि रिले से किसी भी प्रकार की दुर्घटना का खतरा कम होता है।