देहरादून। उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा पर गोमुख के करीब हुए भूस्खलन की वजह से भागीरथी के बहाव में बदलाव देखा जा रहा है। इंटेलिजेंस ब्यूरो से मिली खबर बाद सरकार ने इसकी जांच शुरू कर दी है। शासन की तरफ से स्थिति की सही जानकारी लेने के लिए 12 सदस्यीय टीम उत्तरकाशी से भेजी गई थी लेकिन खराब मौसम के कारण टीम गंगोत्री से करीब दो किलोमीटर आगे कनखू बैरियर से वापस लौट आई। मौसम में खराबी के कारण हेलीकाॅप्टर से इसकी रेकी भी नहीं की जा सकी।
सेटेलाइट इमेज से हुई तस्दीक
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार को खूफिया रिपोर्ट मिली थी कि भारत-चीन सीमा पर किसी स्थान पर भूस्खलन हुआ है। इस सिलसिले में एक सेटेलाइट इमेज भी शासन को उपलब्ध कराई गई। इमेज मिलने के बाद काफी अफरा-तफरी मची और सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट जारी किया गया। इसके साथ ही अधिकारियों को मौके पर भेजा गया। उत्तरकाशी एवं टिहरी जिले के डीएम को खास निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि सेटेलाइट इमेज का परीक्षण करने के बाद पता चला कि गोमुख के पास भूस्खलन हुआ है।
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दोबारा जाएगी टीम
आपको बता दें कि आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी ने बताया कि भूस्खलन की वजह से भागीरथी के रुख में थोड़ा बदलाव हुआ है लेकिन वहां झील नहीं बनी है। नदी के प्रवाह की लगातार माॅनीटरिंग की जा रही है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी ने बताया कि मौसम साफ होने के बाद नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के दल के साथ टीम को दोबारा गोमुख भेजा जाएगा। डीएम के अनुसार टीम के सदस्यों ने यह भी जानकारी दी कि कहीं भी भागीरथी का पानी मटमैला होने के संकेत नहीं मिले हैं।