देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए पुलिस महकमे से जुड़े पत्र के मीडिया में पहुंचने के बाद विभाग में अफरा-तफरी मच गई है। राज्य के पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने पुलिस विभाग को ऐसे किसी भी पत्र के मिलने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा पत्र आया भी है तो वह फर्जी हो सकता है। बता दें कि मुख्यमंत्री को लिखे गुमनाम पत्र में पुलिस को दी जारी कम सुविधाओं के बारे में लिखा गया है।
आंदोलन का अधिकार
गौरतलब है कि एक दिन पहले राज्य के सभी मीडिया कार्यालयों में एक गुमनाम पत्र आया जिसमें राज्य सरकार पर पुलिस विभाग की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया है। पत्र में लिखा गया है कि सरकार की तरफ से पुलिस को कम सुविधाएं दी जा रही हैं। इस पत्र में वेतन विसंगति, भत्ते, अवकाश, वीआईपी ड्यूटी, पुलिस कर्मियों के बच्चों को सेना भर्ती में आरक्षण स्वास्थ्य सुविधा जैसे मुद्दों का जिक्र किया गया है। पत्र में कहा गया कि इन मसलों पर हल न निकलने की स्थिति में कर्मचारियों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने को विवश होना पड़ेगा।
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पुलिस जांच में जुटी
आपको बता दें कि पुलिस विभाग की तरफ से अभी किसी तरह का पत्र मिलने से इंकार किया है। उनका कहना है कि किसी ने शरारत के तौर पर ऐसा किया है। यहां बता दें कि करीब एक साल पहले भी ऐसी ही चिट्ठियां आई थी और उस समय भी पुलिस ने इसे हल्के में लिया था, बाद में मिशन आक्रोश के जरिए कर्मचारियों ने अपनी परेशानियां रखी थीं और बड़े अधिकारियों को सामने आकर इसकी सफाई देनी पड़ी थी। हालांकि बाद में सुविधाओं का विकास हुआ था। विभाग ने इस तरह के आंदोलन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई भी की थी। ऐसे में इस बार पत्र आने से पुलिस विभाग अभी से ही सच की खोज में जुट गई हैं।