देहरादून। उत्तराखंड में चलने वाले मदरसों में बड़े पैमाने पर अनियमितता की बातें सामने आ रही हैं। मदरसा बोर्ड की तरह से कराई जा रही जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि मदरसों में जितने छात्र हैं उनसे ज्यादा के लिए मिड डे मील मंगाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ वहां कार्यरत शिक्षकों में से अधिकांश के पास शिक्षा विभाग द्वारा तय डिग्री भी नहीं है। हालांकि अभी जांच प्रक्रिया जारी है और बोर्ड का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। अब बदलते जमाने के साथ मदरसा बोर्ड ने भी राज्य के मदरसों को हाईटेक बनाने की ओर कदम बढ़ाए हैं। इस कड़ी में अब अगले शिक्षण सत्र से छात्रों को परीक्षा के लिए ऑनलाइन नामांकन करना होगा। इसके लिए उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है।
शिक्षकों के पास डिग्री नहीं
गौरतलब है कि राज्य के विभिन्न जिलों हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के मदरसों में मिड डे मील के आवंटन में अनियमितता बरती जा रही है। मदरसों में छात्र संख्या कम होने के बावजूद राशन अधिक छात्रों पर आवंटित हो रहा है। इसके साथ ही मदरसों में शिक्षकों के पास शिक्षा विभाग द्वारा तय डिग्री भी नहीं है। शिकायत के बाद बोर्ड के निदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने जांच शुरू कर दी है।
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रजिस्टर्ड छात्रों से कम मिले
आपको बता दें कि मदरसा बोर्ड द्वारा की जा रही जांच के प्रथम चरण में 8 मदरसों की जांच की गई तो वहां बड़ी अनियमितता सामने आई है। दून के रायपुर इलाके के मदरसे में 125 छात्र का नाम रजिस्टर है लेकिन वहां 99 छात्र ही मौजूद मिले, रायपुर के ही दूसरे मदरसे में छात्र संख्या 142 दर्ज थी, जबकि वहां मात्र 86 छात्र उपस्थित मिले। कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।