देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग का पता लगाने के लिए नासा की मदद ली जाएगी। नासा के उपग्रहों की मदद से मिली तस्वीरों से आग लगने वाली जगहों की पहचान की जाएगी और वन विभाग के सभी अधिकारियों को एसएमएस के जरिए सूचित किया जाएगा। ताकि अधिकारी फौरन अपने काम को अंजाम देने में जुट सकें।
आग से हुआ नुकसान
गौरतलब है कि उत्तराखंड के करीब 70 फीसदी से ज्यादा क्षेत्र वनों से घिरा है। पिछले साल भी यहां आग लगने की घटना समाने आई थी। वक्त पर सूचना न मिलने और आग को बुझाने के पर्याप्त उपाय न होने के चलते काफी नुकसान हो गया था। हालात के बिगड़ने पर सेना को बुलाना पड़ा था। आग लगने की घटना में 30 से ज्यादा लोगों की जलकर मौत हो गई थी। आग से राहत पाने के लिए अब वन विभाग ने सूचना और तकनीक का सहारा लेना का फैसला लिया है। सरकार ने इस घटना से सबक लेते हुए इस बार नासा की मदद लेने की घोषणा की है।
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नासा से मिले चित्रों के आधार पर होगी कार्रवाई
राज्य के मुख्य वन संरक्षक आरके महाजन ने बताया कि पहले भारतीय वन विभाग से मिलने वाले अलर्ट के बाद ही कार्रवाई की जाती है। महाजन ने बताया कि नासा के उपग्रह से मिलने वाले चित्र वैसे तो नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, हैदराबाद के भुवन पोर्टल के जरिये मिलते हैं लेकिन, इस बार विभाग सीधे नासा के उपग्रह से मिलने वाले चित्रों के जरिये उन स्थलों की पहचान करेगा, जहां आग लगी है। जगह का पता लगते ही इसकी जानकारी संबंधित डीएफओ के साथ ही बीट स्तर पर वन कर्मियों को दी जाएगी। ऐसा होने से आग पर फौरन काबू पाया जा सकेगा।