देहरादून। राज्य में छोटे ठेकेदारों की अनदेखी करने पर राज्य सरकार को अपने ही विधायकों के विरोध का सामना करना पड़ा है। इस विरोध के बाद सरकार ने राज्य में नए टेंडरों पर रोक लगा दी है। शासन के पास ई-टेंडर पाॅलिसी में संशोधन का प्रस्ताव भेजा गया है। ई-टेंडर पॉलिसी में संशोधन तक किसी भी विभाग में ई-टेंडर जारी करने पर रोक लगा दी गई है। इससे राज्य में विकास कार्यों को थोड़ा धक्का लग सकता है।
शासनादेश में बदलाव
गौरतलब है कि प्रदेश में विकास के कार्यों में पारदर्शिता रखने के लिए ई-टेंडरिंग की पाॅलिसी अपनाई गई थी। ई-टेंडरिंग प्रक्रिया पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, वित्त सचिव, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग के प्रमुखों के बीच 9 अगस्त को बैठक हुई थी। जिसमें 25 लाख से ऊपर के कामों के लिए ई-टेंडरिंग सहित कई बिदुओं पर सहमति बनी थी। शासनादेश में उसमें कुछ बिन्दुओं में बदलाव कर दिया गया। इस बदलाव की वजह से छोटे ठेकेदारों के हितों की अनदेखी हो रही थी। इसके बाद भाजपा के विधायकों ने ही इस पाॅलिसी का विरोध करना शुरू कर दिया था।
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टेंडर को रोकने के निर्देश
यहां बता दें कि पीडब्लूडी के मुख्य अभियंता आरसी पुरोहित ने कहा कि ई-टेंडर पॉलिसी के कुछ बिंदुओं पर संशोधन की मांग मंत्री और विधायकों की ओर से की गई। संशोधन होने तक टेंडर प्रक्रियाएं रोकने के निर्देश भी वन मंत्री की ओर से दिए गए हैं। दोनों का प्रस्ताव शासन को भिजवा दिया गया है अब वहां से जो भी आदेश होगा इसके अनुसार काम किया जाएगा।