देहरादून। ऐसा लगता है कि शिक्षा विभाग में अभी भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। विभाग के अधिकारी ही मंत्री के आदेशों को पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। प्रतिनियुक्ति पर रोक के बावजूद रसूख और पहुंच वाले शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति दी जा रही है। ताजा मामला हज कमेटी में एक शिक्षक की प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाने से जुड़ा है। बता दें कि शिक्षा मंत्री ने राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी को दूर करने के लिए दूसरे महकमों में तैनात शिक्षकों की प्रतिनियुक्तियां निरस्त कर वापस बुलाने के सख्त निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद अधिकारियों ने एक शिक्षक की प्रतिनियुक्ति की अवधि 2 सालों के लिए बढ़ा दी, अब मंत्री ने इस मामले की जांच बैठा दी है।
प्रतिनियुक्ति की अवधि बढ़ाई
गौरतलब है कि मंत्री के स्टाफ ने शिक्षा निदेशालय पहुंचकर अपर निदेशक-माध्यमिक आरके उनियाल से प्रतिनियुक्ति के बारे में जानकारी हासिल की और जिन शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की अवधि खत्म हो रही हैं, उन्हें तत्काल वापस बुलाने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा। बता दें कि ऊधमसिंह नगर के महुवाखेड़ागंज जीआईसी के अंग्रेजी के प्रवक्ता नफीस अहमद 28 अगस्त 2013 को हज समिति में बतौर हज अधिकारी 3 सालों के लिए प्रतिनियुक्ति दी गई थी लेकिन 16 फरवरी को इसे 2 साल के लिए और बढ़ा दिया गया। बताया जा रहा है कि यह आदेश अपर सचिव कैप्टन आलोक शेखर तिवारी की ओर जारी किए गए हैं।
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नहीं लौटने वालों पर कार्रवाई
यहां गौर करने वाली बात है कि इस बात की जानकारी मिलने के बाद शिक्षामंत्री अरविंद पांडे ने कड़ी नाराजगी जताई है और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं। एक जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग के अलावा दूसरे विभागों में तैनात शिक्षकों की संख्या 32 से ज्यादा है। इनमें कई प्रतिनियुक्ति की अधिकतम 5 सालों का समय भी पूरा कर चुके हैं वहीं कुछ ने खुद को दूसरे विभागों में ही समायोजित करवा लिया है। अब सरकार ऐसे शिक्षकों के बारे में जानकारी ले रही है, समय पूरा होने के बाद भी विभाग में नहीं लौटने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।