देहरादून। राज्य में चल रहे निजी नर्सिंग काॅलेजों को अब अंतरिम फीस घोषित करना होगा। काॅलेजों द्वारा प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति की बार-बार हिदायतों की अनदेखी करने के बाद अब उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है। बड़ी बात यह है कि अहम बात ये है कि प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति की ओर से तय फीस से अधिक फीस वसूलने पर कॉलेजों को 10 लाख रुपये का जुर्माना अदा करना पड़ेगा।
निर्देशों की अनदेखी
गौरतलब है कि उत्तराखंड में करीब 25 निजी पैरामेडिकल काॅलेज चल रहे हैं और इनमें से ज्यादातर छात्रों से मनमानी फीस की वसूली कर रहे हैं। प्रवेश एवं शुल्क समिति के द्वारा बार-बार निर्देश देने के बाद भी काॅलेज अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे थे अब समिति ने ऐसे कॉलेजों को झटका दिया है। पिछले दिनों समिति, निजी नर्सिंग कॉलेजों के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के साथ ही पोस्ट बीएससी नर्सिग एवं एमएससी नर्सिंग पाठ्यक्रमों के लिए अंतरिम शुल्क तय कर चुकी है।
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मनमानी फीस वसूली
आपको बता दें कि प्रवेश एवं शुल्क समिति ने निजी नर्सिंग काॅलेजों को कई बार नोटिस भेजे लेकिन इन काॅलेजों ने फीस कमेटी के समक्ष अपने प्रस्ताव नहीं भेजे थे। समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश गुरमीत राम ने आदेशों की नाफरमानी करने वाले कॉलेजों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के निर्देश सरकार को दिए हैं। बता दें कि डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए तो समिति पहले ही फीस तय कर चुकी है, लेकिन नर्सिंग के पोस्ट बेसिक बीएससी व एमएससी पाठ्यक्रमों को शुरू करने के बावजूद पहली दफा भी फीस तय कराने के बजाय काॅलेज छात्रों से मनमाना फीस वसूलते रहे।
अलग-अलग नोटिस जारी
यहां बता दें कि नोटिस जारी होने के बाद चिकित्सा शिक्षा को कॉलेजों की ओर से आपत्ति संबंधी कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ आशुतोष सयाना ने कहा कि निजी कॉलेजों को अलग-अलग नोटिस जारी किए गए हैं और उन्हें 1 महीने का समय दिया गया है। इस समय में अगर वे प्रस्ताव नहीं देते हैं तो समिति अंतरिम फीस को ही अंतिम फीस तय कर देगी। इसके बाद तय फीस से ज्यादा वसूलने वाले काॅलेजों पर कार्रवाई की जाएगी और उन्हें 10 लाख रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ेगा।