हल्द्वानी। अपने खातों को आधार से लिंक नहीं कराना हजारों बुजुर्गों को काफी महंगा पड़ा है। समाज कल्याण विभाग ने ऐसे करीब 37 हजार बुजुर्गों की वृद्धावस्था पेंशन पर रोक लगा दी है। बता दें कि इन बुजुर्गों को पिछले 8 महीने से वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिली है। आधार से लिंक नहीं होने वाले खातों के फर्जी होने की संभावना को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। गौर करने वाली बात है कि राज्य में करीब 4 लाख 21 हजार से ज्यादा वृद्धावस्था पेंशनधारक हैं जिनमें से सिर्फ 3 लाख 83 हजार बुजुर्गों ने अपना पेंशन खाता आधार से लिंक कराया है।
खाते फर्जी होने का भी संदेह
राज्य के बुजुर्गों को पेंशन जारी करने वाले समाज कल्याण विभाग को इस बात का अंदेशा है कि जिन लोगों ने अभी तक अपने खातों को आधार से लिंक नहीं कराया है वे फर्जी हो सकते हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पेंशन खाते को आधार से लिंक करवाने की योजना करीब एक साल से चल रही है। सरकार द्वारा खातों को आधार से लिंक कराने का मकसद फर्जीवाड़े को रोकना है। बता दें कि यह प्रक्रिया काफी समय से चल रही है। विभाग का मानना है कि पकड़े जाने के डर से ज्यादातर पेंशनधारक अपने खातों को आधार से लिंक नहीं करवा रहे हैं।
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56 हजार खातों में पेंशन बंद
आपको बता दें कि प्रदेश में कुल 56 हजार 891 ऐसे खाते हैं जिनके आधार से लिंक नहीं होने की वजह से पेंशन बंद हो चुकी है। इसमें वृद्धावस्था, विकलांग, विधवा पेंशन योजनाओं के खाते शामिल हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में सभी योजनाओं में कुल 6 लाख 32 हजार 902 पेंशनधारक हैं।