देहरादून। उत्तराखंड के वन विभाग और बैंक की मिलीभगत से एक अनोखे फर्जीवाड़े का पता चला है। इस फर्जीवाड़े में वन विभाग से सेवानिवृत्त पिता की मौत के 37 सालों तक बेटा पेंशन का लाभ उठाता रहा। खाताधारक की उम्र 100 साल पूरी होने पर बैंक द्वारा जांच कराए जाने पर यह मामला सामने आया। अब बैंक अधिकारी ने आरोपी बेटे के खिलाफ डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर डालनवाला राजीव रौथाण ने बताया कि वन विभाग से रिटायर कुमुद कांत सरकार ने एसबीआई की मुख्य शाखा में बहुत पहले खाता खोला था। इस खाते से ही रिटायरमेंट के बाद वे पेंशन लेते थे।
जांच में पकड़ा फर्जीवाड़ा
गौरतलब है कि शुरुआत में बैंक की तरफ से कुमुद सरकार को हर महीने पेंशन जारी किया जाता रहा, जब कुछ दिनों पहले उनकी उम्र 100 साल हो गई तो बैंक ने जांच कराई। इस जांच में खुलासा हुआ कि बेटा फर्जीवाड़ा कर बैंक से पेंशन ले रहा है। फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद बैंक के एजीएम विजय कुमार ने आरोपी यूके सरकार के खिलाफ डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर रौथाण ने बताया कि पेंशन धारक की मौत और बैंक खाते से पेंशन निकालने के दस्तावेज जुटाकर जांच शुरू कर दी गई है।
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फर्जी प्रमाणपत्र
बता दें कि जांच में इस बात का पता चला कि वन विभाग से सेवानिवृत्त कुमुद सरकार की मौत 1981 में हो गई थी। बेटे पर आरोप है कि पिता की मौत के बाद बेटा यूके सरकार खुद उनके हस्ताक्षर कर बैंक से पिता की चेकबुक लेता रहा और चेक के जरिए खाते से रकम निकालता रहा। इसमें इस बात का भी अंदेशा जताया जा रहा है कि बैंक के कर्मचारी भी फर्जीवाड़े में शामिल हो सकते हैं। यहीं नहीं आरोपी बेटा फर्जी लाइफ सर्टिफिकेट बनाकर बैंक और ट्रेजरी में भी जमा करता रहा।