देहरादून। शिक्षा विभाग में मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों का निलंबन और बहाली चर्चा का विषय बना हुआ है। बता दें कि शिक्षा मंत्री के बेटे की शादी का कार्ड बांटने के आदेश में बिना जांच के ही दो लोगों को निलंबित कर दिया गया था अब इनका दोष साबित नहीं होने पर इन्हें बहाल कर दिया गया है जबकि आदेश देने वाले अफसर के खिलाफ कार्रवाई पर चुप्पी साध ली गई है। हालांकि मंत्री ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
शिक्षाअधिकारी कटघरे में
गौरतलब है कि विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के बेटे की शादी के कार्ड बांटने के आदेश करने के आरोप में सस्पेंड किये गए प्रशासनिक अफसरों को दोष साबित नहीं होने के बाद बहाल कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने खुद को बचाने के लिए इन दोनों को आगे कर दिया था। जांच में पाया गया कि प्रधानाचार्यों को कार्ड लेने आने के आदेश पर इनके हस्ताक्षर नही हैं। इस मामले में अब बागेश्वर के सीईओ और कपकोट के बीईओ कठघरे में हैं।
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जांच में रिपोर्ट गलत पाई गई
आपको बता दें कि बागेश्वर में मंत्री पुत्र की शादी के कार्ड बांटने का सरकारी आदेश जारी किया गया था और इसे सीईओ के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी फकीर राम आर्य और कपकोट के बीईओ के मुख्य प्रशासनिक अफसर दरबान सिंह टाकुली की ओर से जारी किया गया था। मामला संज्ञान में आने पर शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने 27 नवंबर को दोनों को निलंबित कर जांच बिठा दी थी। जांच में दोनों पर लगाए गए आरोप गलत पाए गए। बता दें कि अपर निदेशक की जांच में सामने आया कि शादी के कार्ड बांटने के आदेश पर सीईओ और बीईओ ने खुद ही हस्ताक्षर किए थे। जांच रिपोर्ट आने के बाद शिक्षा निदेशक ने बुधवार को दोनों की बहाली के आदेश जारी कर दिए हैं।