देहरादून। राज्य के शिक्षकों का तबादला अब सरकारी नियमावली के बदले कानून के जरिए होगा। प्रदेश में बनी नई सरकार ने कांग्रेस के समय में बनाई गई तबादला नियमावली को रद्द करते हुए तबादला कानून बनाने की बात कही है। सरकार के इस फैसले से राज्य के सभी शिक्षक संघ काफी खुश हैं। उन्होंने सरकार से जल्द इसे लागू करने की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि ठोस तबादला कानून बनाने के बाद ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
जल्द लागू होगा तबादला कानून
गौरतलब है कि प्रदेश में शिक्षकों के लिए तबादला कानून बनाना, भाजपा के प्रमुख चुनावी वादों में शामिल में है। आपको बता दें कि साल 2007 की बीसी खंडूरी सरकार ने इसे लागू भी कर दिया था लेकिन फिर 2012 में कांग्रेस सरकार ने इसे रद्द कर पुरानी नियमावली को ही लागू कर दिया। राज्य के शिक्षक सरकार से तबादला कानून को लागू करने की मांग काफी लंबे समय से कर रहे हैं। ऐसे में अब नई सरकार से शिक्षकों को काफी उम्मीदें हैं। विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि सरकार हर स्तर पर पारदर्शिता लाने के लिए प्रतिबद्ध है। हर स्तर पर लोगों से सलाह मशविरा करने के बाद जल्द ही इस कानून को लागू किया जाएगा।
शिक्षक संघों की राय
शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए तबादला कानून बेहद जरूरी है। अब तक इतिहास गवाह है कि सामान्य और जरूरतमंद शिक्षक को कभी न्याय नहीं मिल पाया।
-राम सिंह, अध्यक्ष, राजकीय शिक्षक संघ
तबादला कानून को लेकर सभी शिक्षक एकमत है। सरकार को चाहिए कि वह एक बार सभी शिक्षकों से मशविरा कर तबादला कानून लागू करे।
-सुभाष चैहान, अध्यक्ष जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ
तबादला कानून लागू होने से ठोस व्यवस्था बन जाएगी। हर शिक्षक को सुगम-दुर्गम में काम करने का मौका मिलेगा। शिक्षा के सुधार के लिए यह अनिवार्य है।
-दिग्विजय सिंह चौहान, महामंत्री, प्राथमिक शिक्षक संघ
तबादलों की लचर नीतियों का खामियाजा आम शिक्षक को उठाना पड़ता है। सिफारिशी अपने तबादले करवा लेते हैं, आम शिक्षकों को कोई नहीं पूछता।
-नरेश जमलोकी, संयोजक, दुर्गम शिक्षक मंच