देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षकों और शिक्षा विभाग में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। शिक्षा मंत्री ने हाल ही में शिक्षक संगठनों को नसीहत दी थी कि अधिवेशन का समय सीमित करें। उन्होंने कई दिनों तक चलने वाले अधिवेशन से बचने की सलाह दी थी। अब राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अधिवेशन से पहले शिक्षा महानिदेशक ने नया फरमान जारी कर दिया है जिसमें कहा गया है कि इस अधिवेशन में सिर्फ डेलीगेट ही हिस्सा लेंगे और उन्हें ही विशेष अवकाश मान्य होंगे। शिक्षक स्कूलों में पठन-पाठन का काम करेंगे।
शिक्षकों को नहीं मिलेगी छुट्टी
आपको बता दें कि राजकीय शिक्षक संघ का प्रांतीय अधिवेशन 23 और 24 नवंबर को होने वाली है। विद्यालयी शिक्षा उत्तराखंड के महानिदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने बयान जारी कर कह दिया है कि इस दिन सिर्फ डेलीगेट्स को ही विशेष अवकाश मान्य होंगे। वहीं अन्य शिक्षक अपने स्कूलों में छात्रों को पढ़ाने का काम करेंगे। यदि कोई शिक्षक इस अवधि में स्कूलों से अनुपस्थित पाए जाते हैं जो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजकीय शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष व महामंत्री जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी को अधिवेशन में प्रतिभाग करने वाले डेलीगेट्स की सूची उपलब्ध कराएंगे।
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फरमान संविधान के खिलाफ
वहीं राजकीय शिक्षक संघ का कहना है कि महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा ने आदेश निर्गत किया है कि केवल डेलीगेट्स ही अधिवेशन में प्रतिभाग करेंगे जो कि राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के संविधान के खिलाफ है। उनकी तरफ से कहा जा रहा है कि संघ का जो सदस्य है, वह अधिवेशन में प्रतिभाग कर सकता है, छात्रों की पढ़ाई का नुकसान न हो इसके लिए शिक्षकों ने पहले से ही अनुशासन का पालन करते हुए कुछ शिक्षकों को ही अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए भेजने का फैसला लिया है। इसके बाद भी महानिदेशक की तरफ से ऐसा आदेश देना पूरी तरह से अनुचित है।