देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षा विभाग की गलती का खामियाजा भुगतने को मजबूर शिक्षकों ने ब्रिज कोर्स के लिए पंजीकरण कराने से मना कर दिया है। सरकारी अधिकारियों की लापरवाही का शिकार शिक्षक पहले ही प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षकों की मांग है कि उन्हें डीएलएड-ब्रिज कोर्स से मुक्त किया जाए। प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में शिक्षक ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय में इकट्ठा हुए। यहां उन्होंने विभागीय अफसरों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया। कोर्स के लिए पंजीकरण कराने से इंकार करने के बाद राज्य में शिक्षा व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है। हालांकि सरकार की तरफ से कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है।
पंजीकरण से इंकार
गौरतलब है कि विभागीय अधिकारियों की गलती के कारण प्राथमिक शिक्षक अपने आपको बिल्कुल ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री दिग्विजय सिंह चौहान ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि ये शिक्षक डीएलएड-ब्रिज कोर्स के लिए पंजीकरण नहीं कराएगा। वहीं संरक्षक संरक्षक प्रेम सिंह गुंसाई ने कहा कि शिक्षक की विशिष्ट बीटीसी का केंद्र सरकार से मान्यता दिलाने की अब पूरी जिम्मेदारी सरकार और शिक्षा विभाग पर है। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर और अपर निदेशक वीएस रावत ने धरना स्थल पर पहुंचकर शिक्षकों को उचित कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया गया है।
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दिवाली के बाद होगी कार्यवाही
आपको बता दें कि प्राथमिक कक्षाओं में बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों को नियुक्ति देने की परंपरा उत्तरप्रदेश से शुरू हुई थी। अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड ने भी इसे जारी रखा लेकिन उत्तराखंड के विशिष्ट बीटीसी कोर्स को एनसीटीई से मान्यता नहीं मिली है। इसके बावजूद राज्य में शिक्षा विभाग विशिष्ट बीटीसी कराता रहा और नियुक्ति करता रहा। अब केंद्र सरकार ने सख्त आदेश देते हुए ऐसे सभी शिक्षकों को अप्रशिक्षित करार देते हुए 31 मार्च 2019 तक बीएड प्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षकों को 6 महीने का ब्रिज कोर्स करने को कहा है। शिक्षक उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं जिनकी गलती की वजह से उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा है। वहीं शिक्षा निदेशक आरके कुंवर का कहना है कि सरकार की तरफ से मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर राज्य को इस कोर्स से छूट देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद विशिष्ट बीटीसी मान्यता के लिए और प्रभावी ढंग से कार्यवाही होगी।