देहरादून। राज्य में यातायात व्यवस्था को सुधारने की कवायद तेज कर दी गई है। इसके लिए पहाड़ी इलाके में रहने वाले लोगों को अब स्थानीय भाषा गढ़वाली और कुमाऊंनी में भी जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही नियमों को तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अतिक्रमण करने वालों पर अब सीआरपीसी के तहत कार्रवाई होगी। डीजीपी अनिल रतूड़ी ने यातायात सुधार को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की है।
स्थानीय भाषाओं में होंगे संकेत
गौरतलब है कि इस बैठक के बाद एडीजी अशोक कुमार ने बताया कि पहाड़ों पर गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी भाषा में यातायात नियमों के प्रति स्थानीय लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा भी लिया जाएगा। यहां स्थानीय भाषा में यातायात के नियमों का प्रचार प्रसार किया जाएगा। स्थानीय भाषाओं में ही यातायात के संकेत और स्लोगन लिखे जाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को यह समझ में आ सके।
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अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात
आपको बता दें कि हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए यातायात में सुधार के लिए 100-100 अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। वहीं टिहरी और पौड़ी में 30-30 पुलिसकर्मी लगाए जाएंगे।
इन बातों के दिए निर्देश
-दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे।
-सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
-सभी जनपदों में नए पार्किंग स्थल विकसित किए जाएंगे।
-यातायात नियम तोड़ने वालों के लाइसेंस निरस्त किए जाएं।
-पार्किंग स्थल, बाईपास, फ्लाईओवर निर्माण व सड़क सुधारीकरण को संबंधित विभागों से समन्वय बनाया जाएगा।