देहरादून। उत्तराखंड में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों में से 2 और का खुलासा हुआ है। बता दें कि राज्य में बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी पाने वालों का पता चलने के बाद इसकी जांच एसआईटी से कराई जा रही है। बताया जा रहा है कि एसआईटी जांच में जिन 2 शिक्षकों के नाम सामने आए हैं उनमें से एक शिक्षिका बहादराबाद में तैनात थी जबकि दूसरा शिक्षक रुड़की के स्कूल में तैनात था।
गौर करने वाली बात है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वाले हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में होने का पता चला था। एसआईटी की निगरानी में कई शिक्षकों पर कार्रवाई भी की जा चुकी है। अब हरिद्वार के बहादराबाद और रुड़की के ब्लाॅक में तैनात 2 ऐसे शिक्षकों को विभागीय अधिकारियों ने सुनवाई का मौका दिया है। सुनवाई के बाद दोनों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
ये भी पढ़ें - देशरक्षा के बाद अब राजनीति में हाथ आजमाएंगे ‘कर्नल’, यहां से लड़ सकते हैं चुनाव
यहां बता दें कि एसआईटी की जांच में अब तक करीब 20 से ज्यादा शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। खबरों के अनुसार बहादराबाद ब्लाक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय लालढांग में तैनात मनोरमा सुयाल के प्रमाण पत्र एसआईटी ने मांगे थे। जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि मनोरमा ने नौकरी पाने के समय अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र लगाया था लेकिन वह सामान्य जाति की उम्मीदवार थीं।
वहीं दूसरी ओर रुड़की ब्लाॅक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय महमूदपुर में तैनात सुदेश कुमार जो कि मूल रूप से उत्तरप्रदेश के बिजनौर का रहने वाला है लेकिन नौकरी पाने के लिए उसने शिवालिक नगर का स्थाई निवासी होने का प्रमाणपत्र दिया था। एसआईटी ने दोनों शिक्षकों के प्रमाणपत्र की जांच के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। विभागीय अधिकारियों ने दोनों को सुनवाई का मौका देने के बाद कार्रवाई करने की बात कही है।