देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने चुनाव लड़ने को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कहा है कि पंचायत चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार का पढ़ा-लिखा होना जरूरी है। अब जल्द ही ग्राम पंचायत में वार्ड पंच से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष पद तक चुनाव लड़ने के लिए शैक्षिक योग्यता निर्धारित की जाएगी। इसके साथ ही 2 से ज्यादा बच्चे और घरों में शौचालय नहीं होने पर भी उम्मीदवार पंचायत में किसी भी पद के लिए चुनाव नहीं पड़ पाएंगे। प्रदेश सरकार पंचायतीराज एक्ट में यह प्रावधान करने जा रही है।
गौरतलब है कि राज्य में अगले साल पंचायत चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले प्रदेश सरकार ने एक्ट में नए प्रावधानों को शामिल करने के लिए अपना कार्य करना शुरू कर दिया है। समीक्षा बैठक के बाद विभागीय मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में वार्ड सदस्य से लेकर प्रधान, बीडीसी, जिपं अध्यक्ष पद के लिए शैक्षिक योग्यता तय की जाएगी।
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यहां बता दें कि चुनाव लड़ने के पदों के अनुसार शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की जाएगी। इस संबंध में सचिव पंचायतीराज रंजीत कुमार सिन्हा को कानूनी व गाइड लाइन के अनुसार समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। गौर करने वाली बात है कि अरविंद पांडे ने कहा कि नए पंचायतीराज एक्ट में यह प्रावधान किया गया है कि जिसके 2 से ज्यादा बच्चे होंगे या फिर घरों में शौचालय नहीं होगा, वह चुनाव नहीं लड़ पाएगा।
आपको बता दें कि इस एक्ट के लागू होने के बाद कई उम्मीदवार पंचायत चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित हो जाएंगे। फिलहाल पंचायतीराज एक्ट में पंचायत चुनाव के लिए कोई शैक्षिक योग्यता की शर्त नहीं है। अगर मतदाता सूची में नाम है तो पंचायत में किसी भी पद पर चुनाव लड़ सकते हैं। अब राज्य सरकार का मानना है कि विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए उम्मीदवारों का पढ़ा लिखा होना जरूरी है।