लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस ने एक बड़ा ऐलान किया है । राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर पार्टी ने फैसला लिया है कि वह विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राज्य में कोई भी बड़ी रैली नहीं करेगी। पार्टी छोटी छोटी जनसभाओं के माध्यम से ही जनता को योगी सरकार की नाकामियों के बारे में बताएगी । इतना ही नहीं इन जनसभाओं में ही पार्टी कांग्रेस की खुबियों और आगामी योजनाओं के बारे में जनता को बताएगी । इससे पहले चुनाव आयोग की टीम के यूपी दौरे के समय भी पार्टी के कई नेताओं ने कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चुनावी रैलियों पर रोक लगाने की मांग की थी ।
बता दें कि यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर जहां भारतीय जनता पार्टी बहुत आक्रामक होकर विपक्षियों पर निशाना साध रही है , वहीं अभी तक कांग्रेस और बसपा सक्रिय नजर नहीं आ रही हैं । अभी तक पार्टी महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ही राज्य में पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रही हैं , लेकिन पार्टी के दूसरे नेता चुनावों को लेकर एक्टिव नजर नहीं आ रहे । कुछ ऐसा ही हाल मायावती की पार्टी बसपा का भी है ।
दोनों ही दल अभी चुनावों में एक्टिव नजर नहीं आ रहे हैं , इस बीच कांग्रेस ने ऐलान कर दिया है कि वह कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्य में कोई भी मेगा रैली नहीं करेगी ।
असल में चुनावी रैलियों में जुट रही भीड़ हर राजनीतिक पार्टी के लिए चुनौती है और अब पंजाब कांग्रेस ने इसका तोड़ निकाला है। पंजाब में जन-जन तक पहुंचने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियां करने की बजाय पार्टी ने अब वही फॉर्म्युला अपनाने का फैसला किया है, जिसपर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस हमेशा से ही काम करता रहा है। दरअसल, रविवार को पंजाब चुनाव के लिए बनी कैंपेन कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि पार्टी अब आरएसएस की तरह ही जमीनी स्तर पर काम करेगी और निजी तौर पर मतदाताओं के संपर्क में जाएगी।