न्यूज डेस्क । चुनाव आयोग ने गुरुवार को गुजरात विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया । आयोग ने 2 चरणों मे होने वाले मतदान की तारीखें (1 और 5 दिसंबर ) तय करने के साथ ही 8 दिसंबर को मतगणना का दिन तय किया है । इस सबके बीच गांधीनगर में भाजपा की राज्य स्तरीय कोट कमेटी की बैठक जारी है । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के साथ प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल, पुरषोत्तम रुपाला और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया समेत कई बड़े नेता इस मंथन बैठक में मौजूद है । असल में पिछले दिनों दूसरे दलों से भाजपा में आए कुछ बड़े नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं की टिकट की दावेदारी किए जाने से राजनीति थोड़ी गर्मा गई है , जिसके मद्देनजर सीटों के बंटवारे को लेकर मंथन हो रहा है ।
तीन दिन चलेगी बैठक
बता दें कि गांधीनगर के कमलम कार्यालय में आयोजित यह बैठक तीन दिनों तक चलेगी । इस बैठक के बाद भाजपा की कोर कमेटी सभी विवादों को खत्म करने का काम करेगी । खबर है कि इस बैठक में 182 में से महज 42 विधानसभा सीटों पर मंथन हो रहा है , जिन सीटों पर विवाद है । भाजपा गुजरात में आज जिन सीटों पर मंथन कर रही है उनमें मोरबी और राजकोट जिले की सीटें भी शामिल हैं । इसके साथ ही, साबरकांठा, बनासकांठा, नर्मदा, ताप्ती की सीटें पर भी चर्चा हो रही है ।
तीन-तीन नामों का बना पैनल
ऐसी खबरें है कि सीट बंटवारे के लिए भाजपा की इस कोर कमेटी ने तीन नामों का एक पैनल बनाया है । असल में उम्मीदवारों की सूची जारी होने से पहले टिकट वितरण को लेकर यह एक तरह का अभ्यास है । खबरें हैं कि तीन-तीन नामों का पैनल बनाया गया है । नामों को शॉर्ट लिस्ट किया जाएगा और फिर उन्हें भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति के सामने रखा जाएगा । पार्टी की कोशिश रहेगी कि टिकटों का निर्धारण बहुत पारदर्शी तरीके से किया जा सके । चूंकि हर दल जिताऊ उम्मीदवारों पर दांव लगाना चाहता है कि इसलिए भाजपा की भी यही कोशिश होगी वह ऐसे नामों को शॉर्ट लिस्ट करे । 27 वर्षों से राज्य की सत्ता में भाजपाअगर राज्य में भाजपा की बात करें तो पिछले 27 वर्षों से पार्टी राज्य की सत्ता में है । इसलिए उसके सामने किला बचाने की चुनौती है, ऐसे में पार्टी बड़े स्तर पर टिकटों की छंटनी कर सकती है और नए उम्मीदवार चुनावी रण में उतार सकती है । ऐसी खबरें हैं कि इस बार 30 से 40 फीसदी तक नए चेहरों को टिकट मिल सकता है । राज्य में कांग्रेस के अलावा इसबार आम आदमी पार्टी भी बीजेपी की प्रतिस्पर्धा कठिन बना रही है. आप इस बार जोरदार तरीके से चुनाव अभियान चला रही है, इसलिए भाजपा हर निर्णय बहुत सोच समझकर ले रही है और हर तरह का प्रयास कर रही है ।