नई दिल्ली। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (एनईईटी) अब साल में 2 बार की जगह 1 बार ही होगी। सरकार ने मंगलवार देर शाम इसका फैसला लिया है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने कहा कि अब साल में एक बार ही इस परीक्षा का आयोजन किया जाएगा और यह परीक्षा ऑनलाइन की जगह पेन एंड पेपर मोड (ऑफलाइन) में ही आयोजित की जाएगी। बता दें कि जेईई की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लिखे गए पत्र के बाद मंत्रालय ने इसमें बदलाव किया गया है।
गौरतलब है कि सरकार की ओर से एनईईटी 2019 में होने वाली परीक्षाओं की तारीखों का ऐलान भी कर दिया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि विचार करने के बाद यह फैसला लिया गया है कि परीक्षा एक ही बार कराई जाएगी। सरकार ने एनईईटी की परीक्षा आॅनलाइन कराने का फैसला भी वापस ले लिया है अब यह परीक्षा आॅफलाइन कराई जाएगी।
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यहां बता दें कि एनईईटी 2019 के लिए रजिस्ट्रेशन इस साल 1 नवंबर से शुरू होगा। परीक्षा अगले साल 5 मई को आयोजित की जाएगी। इंजीनियरिंग के लिए होने वाला ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह परीक्षा साल में 2 बार ही आयोजित की जाएगी।
गौर करने वाली बात है कि एनईईटी की परीक्षा 2 बार कराने के फैसले को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने मानव संसाधन मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा था कि ऐसा होने से छात्रों पर दवाब बढ़ सकता है। इसके साथ ही आॅनलाइन परीक्षा के आयोजन से ग्रामीण इलाकों के छात्रों के प्रभावित होने की भी बातें कहीं गई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय की चिट्ठी पर गौर करने के बाद अब एनईईटी की परीक्षा साल में 1 बार ही कराने का निर्णय लिया गया है।