नई दिल्ली। स्मार्ट फ़ोन आज कल सभी के जीवन में एक अहम हिस्सा है । ऐसे में बार-बार इसकी बैटरी कम होने से हर व्यक्ति चिड़चिड़ेपन का शिकार होता जाता है। अकसर लोग या तो फ़ोन चार्ज करने के लिए चार्जिंग पॉइंट ढूंढ़ते है या पॉवर पॉइंट का सहारा लेते है। अगर इसे में हम कुछ सावधानियां बरते तो 40 फीसदी तक बैटरी बचा सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही आसान उपायों के बारे में
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इन बातो का रखे खास ख्याल –
- अपने मोबाइल की बैटरी कभी भी पूरी खत्म न होने दें 100 प्रतिशत चार्ज होने पर भी केवल 80 % बैटरी होती है। बैटरी को जीरो फीसदी तक कभी ना पहुचने दें , जब भी मोबाइल इस्तेमाल न कर रहे हो उसे चार्ज करें।
- जितना हो सके मोबाइल की ब्राइटनेस कम रखे बैटरी सवेर विकल्प का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
- बैकग्राउंड एप का डाटा बंद रखें।
ऑटो-प्ले आप्शन फीचर फेसबुक, व्हाटसैप जैसे एप पर ऑफ रखें ।
- चार्जिंग करते समय फ़ोन पे बात न करे और फोन को बार-बार चार्जिंग पर ना लगाए ।
- तेज चार्जर से चार्ज करने से 20 फीसदी तक बैटरी कम हो जाती है। लिथियम-आयरन बैटरी में इलेक्ट्रोड़, लिथियम धातु और लिथियम-आयरन के बीच 'शटलिंग' धीरे हो जाती है। धीमी गति से चार्जिंग करने से फ़ोन की बैटरी लम्बे समय तक चलती है।
- वाई-फाई का इस्तेमाल करके 40 फीसदी बैटरी कम ख़र्च होती हैं । मोबाइल नेटवर्क सिग्नल्स भी बैटरी जल्दी खत्म होने के लिए जिमेदार है। मोबाइल को कम सिग्नल में इन्टरनेट चलाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती हैं जिससे बैटरी की खपत ज्यादा होती हैं । मोबाइल डाटा का इस्तेमाल कम करे अगर वाई-फाई का विकल्प हैं ।
- 0-45 डिग्री सेल्सियस लिथियम-आयरन बैटरी के लिए एक आदर्श तापमान माना जाता है। स्मार्टफ़ोन को तेज धुप अतिरिक्त गर्मी से बचाएं क्योकि इससे बैटरी का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा हो सकता है।
- एयरप्लेन मोड के इस्तेमाल से केवल 5 % बैटरी की खपत होती है। मोबाइल का जब प्रयोग ना भी कर रहें हो तब भी 15% बैटरी की खपत होती है। एयरप्लेन मोड अधिकतर विमान में यात्रा करते समय ऑन करे जाते हैं । यह मोड फ़ोन की बैटरी बचाने में भी प्रयोग किया जाता है। जब आप मोबाइल का इस्तेमाल न कर रहे हो तब आप उसे 'एयरप्लेन मोड' में रख सकते हैं। हालंकि इस दौरान न कॉल आएगी ना आप किसी को काल कर सकते हैं ।