नई दिल्ली। आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को कई तरह की जांच करवाने के साथ दवाएं लेनी पड़ती है, पर क्या आपको पता है कि डाईबिटीज की सामान्य दवा लेने वाली गर्भवती महिलाओं के नवजात शिशुओं में मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। हाल ही में हुए एक शोष में इस बात का खुलासा हुआ है। नॉर्वे के नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में हुए इस शोध में विशेषज्ञों ने देखा कि ब्लड शुगर का स्तर कम करने वाली दवा मेटफॉर्मिन प्लेसेंटा (गर्भनाल) को पार कर विकसित हो रहे भ्रूण तक पहुंच जाती है।
गौरतलब है कि प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर ग्युरो एनगेन हानेम ने भी शोध के नतीजों को आश्चर्यनजक बताया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले हुए किसी अध्ययन में इस तरह के नतीजे देखने को नहीं मिले थे। शोध के दौरान विशेषज्ञों ने देखा कि गर्भावस्था के दौरान जिन महिलाओं ने मेटफॉर्मिन दवा का सेवन किया था उनके बच्चों का वजन चार साल की उम्र में 0.8 किलो अधिक था। बता दंे कि यह शोध 150 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं पर किए गए।
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यहां बता दें कि विशेषज्ञों का मानना है कि मेटमाॅर्फिन दुनिया के अधिकांश देशों में डाईबिटीज के मरीजों को दी जाने वाली दवा है। इस क्षेत्र में पहले हुए शोध में कहा गया था कि मेटफॉर्मिन का बच्चों के चयापचय(मेटाबाॅलिज्म) पर रक्षात्मक प्रभाव होता है। मेटफॉर्मिन दवा पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) की शिकार महिलाओं को भी दिया जाता है। बताया जाता है कि प्रजनन काल के दौरान तकरीबन 10 फीसदी महिलाओं को यह समस्या होती है।