नई दिल्ली। ये बात तो हम सबने सुनी है कि एक इंसान को हर रोज 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। ऐसा करने से आप एक स्वस्थ शरीर और तेज दिमाग पा सकते हैं। अगर आप 7 से 8 घंटे नींद लेने के बाद भी खुद को तरोताजा महसूस नहीं करते हैं तो इसके पीछे बड़ी वजहें हो सकती हैं। ऑस्ट्रेलिया के स्लीप एक्सपर्ट डॉक्टर कार्मेल के अनुसार यह समस्या उन लोगों में ज्यादा आती है जिनकी नींद का सही रुटीन नहीं होता है।
अगर आप सही समय पर नहीं सोते हैं और सही समय पर नहीं उठते हैं तो आपको परेशानी शुरू होने के साथ आपकी भूख भी कम हो जाती है। अपने आपको तरोताजा महसूस करने के लिए ये बेहद जरूरी है कि आप एक निश्चित समय रोज ही सोएं और जागें। स्लीप एक्सपर्ट के अनुसार रात को सोने और सुबह उठने दोनों ही समय बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनसे ही तय होता है कि किसी इंसान को कितनी नींद मिलती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इंसानों की नींद को काफी हद तक मोबाइल फोन भी प्रभावित करते हैं। ऐसे में सोने से पहले मोबाइल को स्वीच आॅफ कर देना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया में कराए गए सेली स्लीप सर्वे में पाया गया कि 70 फीसदी लोग मानते हैं कि उनकी कम नींद का असर उनके रोज के काम पर पड़ता है। स्लीप एक्सपर्ट डॉक्टर कार्मेल के अनुसार यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले और काम करने वाले 18 से 25 साल के लोगों को रात में 7-9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। 26-60 साल की महिलाओं को करीब 7-9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। वहीं 60 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को 7-8 घंटे सोना चाहिए।