देहरादून। देहरादून की ऐतिहासिक पहचान घंटाघर के सौन्दर्यीकरण का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। सबसे पहले इसकी जर्जर नींव को दूरूस्त किया जाएगा। देहरादून नगर निगम ने इसकी कवायद तेज कर दी है। घंटाघर के सौन्दर्यीकरण के लिए ओएनजीसी ने 75 लाख रुपये दिए हैं और बाकी का खर्च निगम खुद उठाएगा। इसकी मरम्मत और सौन्दर्यीकरण पर करीब 1 करेड़ 31 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। अब निगम ने ब्रिडकुल को इसकी जिम्मेदारी दी है।
नींव को दुरूस्त करना बेहद मुश्किल
गौरतलब है कि घंटाघर की मरम्मत में सबसे बड़ी परेशानी इसकी नींव को लेकर है। जब तक नींव मजबूत नहीं होगी, तब तक सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू नहीं हो सकेगा। नींव को दुरूस्त करना बेहद मुश्किल काम है। कोई भी निजी ठेकेदार यह काम करने को तैयार नहीं था तो निगम ने गत 21 फरवरी को यह काम ब्रिज, रोपवे, टनल एंड अदर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (ब्रिडकुल) को सौंपा है।
कोई कंपनी नहीं आया सामने
आपको बता दें कि देहरादून के महापौर विनोद चमोली के अनुसार दो साल में निगम ने घंटाघर की मरम्मत के लिए तीन बार टेंडर निकाले, दो बार किसी ने बिड नहीं डाली और तीसरी बार जो ठेकेदार आए, उन्हें अनुभव ही नहीं था। महापौर के मुताबिक ब्रिडकुल को काम देने के लिए टेंडर कराने की आवश्यकता नहीं है। महापौर ने बताया कि ब्रिडकुल के पास शासन की अनुमति के साथ विशेषज्ञों का पूरा पैनल है, जो इस कार्य को बेहतरी से अंजाम दे सकते हैं।
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अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट
घंटाघर के कार्य में हो रही देरी पर महापौर ने निगम अधिकारियों को तलब कर रिपोर्ट ली। महापौर ने निर्देश दिए हैं कि ब्रिडकुल के अधिकारियों से जल्द संपर्क किया जाए, ताकि नींव का काम जल्द शुरू हो सके। अधिकारियों ने बताया कि 17 मई को ब्रिडकुल ने इसके टेंडर जारी किए हैं और जल्द काम शुरू हो जाएगा।
बढ़ रहा इंतजार
घंटाघर की दीवार पर लगी घड़ी पिछले 9 सालों से खराब पड़ी है। दून के लोग सालों से इसके ठीक होने और इसकी आवाज सुनने के लिए इंतजार कर रहे हैं। नगर निगम वर्ष 2008 से घंटाघर के सौंदर्यीकरण की कोशिशें कर रहा है लेकिन हर बार तारीख आगे बढ़ती जा रही है। ब्रिडकुल को काम की जिम्मेदारी देने से अब उम्मीद जगी है कि घंटाघर की रौनक एक बार फिर से लौट पाएगी।